Shani Shingnapur Temple में खुले आसमान के नीचे स्थापित है शनि देव की मूर्ति, जानें क्या है मान्यता
देश में शनि देव को समर्पित ऐसे कई मंदिर हैं जो किसी न किसी मान्यता की वजह से प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक है महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले का शनि शिंगणापुर मंदिर (Shani Shingnapur Mandir)। इस मंदिर में शनि देव की पूजा एक काले पत्थर के रूप में की जाती है। चलिए जानते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Shingnapur Temple: सनातन धर्म में शनि देव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो शनि देव कर्मों के अनुसार जातक को फल देते हैं। अच्छे कर्म के इंसान को शुभ फल प्रदान करते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंडित करते हैं। कुदृष्टि पड़ने से व्यक्ति को जीवन में कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए उनकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करनी चाहिए। शनि देव को समर्पित एक मंदिर अहमदनगर में है, जहां दर्शन करने से व्यक्ति को शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
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प्रतिमा के ऊपर नहीं है कोई छत
शनि देव का जन्म स्थान शनि शिंगणापुर माना जाता है। इस मंदिर में पत्थर से बनी काले रंग की शनि देव की प्रतिमा विरजमान है। मूर्ति खुले आसमान के नीचे स्थापित है। ऐसी मान्यता है कि यहां शनि देव के दर्शन करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।ऐसा बताया जाता है कि शनि देव की यह प्रतिमा एक चरवाहे को मिली थी। चरवाहे के सपने में शनि देव ने कहा कि इस प्रतिमा को खुले आसमान के नीचे ही रखना है। उसके बाद ही शनि देव की प्रतिमा को स्थापित किया गया है और मूर्ति के ऊपर कोई छत नहीं है।
नहीं लगता है घरों पर तालाशनि शिंगणापुर गांव में लोग अपने घर के दरवाजे पर ताला नहीं लगाते हैं। सबसे खास बात यह है कि ताला न लगाने पर भी चोरी नहीं होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस गांव में कोई चोरी करने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता है। अगर कोई ऐसा करता भी है, तो उसे शनि देव दंड देते हैं। शनि देव स्वयं इस गांव के लोगों की रक्षा करते हैं, इसलिए यहां के निवासी कभी अपने घर में ताला नहीं लगाते हैं।
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