पृथ्वी के नाभि में विराजे हैं उज्जैन के श्री महाकालेश्वर, जानिए महाकाल के बारे में रोचक बातें
Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga Ujjain शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव उज्जैन में खुद ही लिंग के रूप में विराजमान हुए थे। महाकालेश्वर को पृथ्वी का केंद्र माना जाता है। जानिए 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकाल मंदिर के बारे में रोचक बातें।
By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Wed, 15 Feb 2023 12:41 PM (IST)
नई दिल्ली, Shri Mahakaleshwar Jyotirlinga, Ujjain: देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। बाबा के जयकारे हर तरफ से सुनाई देते हैं। ऐसे ही महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में बाब के दर्शन करना भाग्य की बात माना जाता है।
उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर के बारे में कौन नहीं जानता है। इस मंदिर को 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि दक्षिणामुखी मृत्युंजय भगवान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होकर सृष्टि का संचार करते हैं।
मध्यप्रदेश के हृदय स्थल में स्थित है तीर्थ भूमि उज्जैन। माना जाता है कि उज्जैन पांच हजार साल पुराना नगर माना जाता है। इसे अवंती, अवंतिका, उज्जयिनी, विशाला, नंदिनी, अमरावती, पद्मावती, प्रतिकल्पा, कुशस्थली जैसे नामों से जाना जाता है।
महाकालेश्वर हैं स्वयंभू
शिवपुराण की एक कथा के अनुसार, दूषण नामक दैत्य के अत्याचार से उज्जयिनी के निवासी काफी परेशान हो गए थे। तब उन लोगों ने भगवान शिव की प्रार्थना की थी तो वह ज्योति के रूप में प्रकट हुए थे और राक्षस का संहार किया था। इसके बाद उज्जयिनी में बसे अपने भक्तों के आग्रह में लिंग के रूप में वहां प्रतिष्ठित हो गए थे।क्यों कहा जाता है मृत्युंजय महाकालेश्वर
श्री महाकालेश्वर पृथ्वी लोक के राजा है। सभी ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जिसकी प्रतिष्ठा पूरी पृथ्वी के राजा और मृत्यु के देवता मृत्युंजय महाकाल के रूप में की जाती है।