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देश के इस मंदिर के गर्भगृह पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण, जानें मंदिर का रहस्य

कई मंदिरों में आस्था के साथ ही कई रहस्य भी शामिल हैं। देश में एक ऐसा मंदिर है जो आध्यात्मिक एवं दर्शनीय सूर्योदय का बिंदु है। मध्यप्रदेश के दतिया जिले से 17 किलोमीटर दूर उन्नाव में स्थित है सूर्य मंदिर। इस मंदिर को बह्यन्य देव के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह पर पड़ती है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 01 Jan 2024 01:43 PM (IST)
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देश के इस मंदिर के गर्भगृह पर पड़ती है सूर्य की पहली किरण, जानें मंदिर का रहस्य
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Mandir: देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने रहस्य की वजह से मशहूर है। कई मंदिरों में आस्था के साथ ही कई रहस्य भी शामिल हैं। देश में एक ऐसा मंदिर है, जो आध्यात्मिक एवं दर्शनीय सूर्योदय का बिंदु है। मध्यप्रदेश के दतिया जिले से 17 किलोमीटर दूर उन्नाव में स्थित है सूर्य मंदिर। इस मंदिर को बह्यन्य देव के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा बताया जाता है कि सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह पर पड़ती है। चलिए बताते हैं इस मंदिर के बारे में विस्तार से-

सूर्य मंदिर का रहस्य

यह मंदिर हजारों वर्ष पुराना है। जब एक बार सतयुग में राजा मरुत के द्वारा इस मंदिर में महायज्ञ का आयोजन करवाया गया था। यज्ञ में कई देवी-देवता शामिल हुए थे। ऐसे में भगवान सूर्य देव ने देवी-देवताओं के आने पर असमर्थता जताई थी। इस पर राजा मरुत ने एक मूर्ति का बंदोबस्त किया। भगवान सूर्य देव इस मूर्ति में प्रकट होकर यज्ञ में शामिल हुए।

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इस मंदिर का निर्माण 1059 से 1080 ईसवी के बीच परमार राजा उदयादित्य ने करवाया था। सुबह होते ही इस मंदिर में सूर्य किरणाभिषेक होता है। सूर्य की पहली किरण मंदिर के गर्भगृह में स्थित देवों के देव महादेव की शिवलिंग पर पड़ती है।

मान्यता के अनुसार, पिछले बीते 50 वर्षों में इस मंदिर में श्रद्धालुओं के द्वारा इतनी अधिक मात्रा में घी चढ़ाया गया है, जिसको रखने के लिए 9 कुओं का निर्माण करवाना पड़ा। सूर्य मंदिर के पास एक जलकुण्ड है। मान्यता है कि इस कुंड में नहाने के बाद साधक को सभी तरह के दुख से निजात मिलती है और संतान की प्राप्ति होती है। बताया जाता है कि इस मंदिर में भगवान सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इस मंदिर में भगवान सूर्य देव के दर्शन और पूजा करने के लिए दूर-दूर से आते हैं।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'