Sri Krishna Temple: एक ऐसा अनोखा मंदिर जहां श्री कृष्ण होते जा रहे हैं दुबले, रहस्यमयी मूर्ति का जानें सच
हिंदू धर्म में भगवान कृष्ण की पूजा बहुत शुभ मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। अगर आप उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो सच्चे भाव से उनकी पूजा-पाठ करें। वहीं आज हम केरल के थिरुवरप्पु में स्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर के बारे में कुछ प्रमुख बातें साझा करेंगे जो बहुत ही रहस्यमयी है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई चमत्कारी और रहस्यमयी मंदिर हैं, जहां दुनिया भर से लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसे ही एक मंदिर के बारे में आज हम बात करेंगे, जो श्रद्धालुओं के बीच आस्था का एक केंद्र है। इसके साथ कई सारे रहस्यों से परिपूर्ण है। दरअसल, हम बात कर रहे हैं केरल के थिरुवरप्पु में स्थित भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर (Sri Krishna Temple) की, जहां हर दिन भारी मात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ता है।
1500 साल पुराना है मंदिर
आपको बता दें, दक्षिण भारत का यह प्रसिद्ध मंदिर लगभग 1500 साल पुराना है, जिसकी महिमा दूर-दूर तक फैली हुई है। कुछ पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह वही प्रतिमा है जिसकी वनवास के दौरान पांडव सेवा व पूजा-पाठ करते थे। कहा जाता है कि वनवास समाप्त होने के बाद वे अपनी इस दिव्य प्रतिमा को मछुआरों के आग्रह करने पर थिरुवरप्पु में ही छोड़कर चले गए थे,
लेकिन मछुआरे इसकी सेवा नियम अनुसार नहीं कर पा रहे थे, जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। तब इसका हल निकालते हुए उन्हें एक ज्योतिष ने मूर्ति को विसर्जित करने की सलाह दी थी। इसके बाद मछुआरों ने ज्योतिष के कहने पर मूर्ति को विसर्जित कर दिया था।
ऐसे हुई प्रतिमा की स्थापना
इसके पश्चात यह प्रतिमा केरल के एक ऋषि विल्वमंगलम स्वामीयार को नाव से यात्रा के दौरान नदी में मिली, जिसे उन्होंने अपनी नाव में रख दिया, इसके बाद वे एक वृक्ष के नीचे मूर्ति को रखकर विश्राम करने के लिए रुके।जैसे ही उन्होंने दोबारा अपने मार्ग पर चलने के लिए प्रतिमा को उठाने की कोशिश की, वह वहीं चिपक गई। इस वजह से उन्होंने इस प्रतिमा को उसी स्थान पर स्थापित कर दिया गया।