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इस मंदिर में है 5000 हजार साल पुराना शिवलिंग

सावन माह आने वाला है। सावन माह आते ही पूरे भारत में महादेव की जय-जयकार सर्वत्र गूंजने लगती है।भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ आदि नामों से प्रचलित भगवान शिव हिन्दू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं में प्रमुख देवता

By Preeti jhaEdited By: Updated: Wed, 17 Jun 2015 11:56 AM (IST)
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सावन माह आने वाला है। सावन माह आते ही पूरे भारत में महादेव की जय-जयकार सर्वत्र गूंजने लगती है।भगवान शिव को देवों के देव महादेव कहा जाता है। महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ आदि नामों से प्रचलित भगवान शिव हिन्दू धर्म के 33 करोड़ देवी देवताओं में प्रमुख देवता माने जाते हैं। वेदों में इनका नाम रूद्र कहा गया है। आज शिवजी को नमन करते हुए एक ऐसे शिवलिंग की बात करते हैं जिसका अस्तित्व आज से लगभग 5000 हजार साल पुराना है। अत्याधिक पुराना शिवलिंग के कारण यहाँ महादेव का धार्मिक स्थल बन गया है

जी हाँ, गुजरात के मोसाद के पास एक ऐसा मंदिर है जिसमें विराजमान शिवलिंग सदियों पुराना है। इस शिवलिंग का अस्तित्व 5000 हजार साल पुराना बताया गया है। यह शिवलिंग 1940 में खुदाई के दौरान मिला था। खुदाई के समय प्रसिद्ध पुरातत्वविद् एम.एस. वाट्स वहाँ मौजूद थे। एम.एस. वाट्स पुरातत्वविद् द्वारा जांच के बाद इस शिवलिंग को लगभग 5000 पुराना बताया गया है. इसके अलावा और भी कई चीज़े खुदाई में मिली थी

यह मंदिर गुजरात के नर्मदा जिला, देडियापाडा तालुका के कोकम गांव में स्थित है। इस मंदिर को जलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर तक भक्तों को पहुँचने के लिए मोसाद शहर से लगभग 14 किमी की दूरी तय करना पड़ती है। महादेव का यह मंदिर पूर्वा नदी के तट पर है। यह नदी पूर्व दिशा की ओर बहती है, इसीलिए इसे पूर्वा नदी के नाम से जाना जाता है

मंदिर में हर सोमवार को शिवलिंग के दर्शन हेतु भक्तों का ताता लगा रहता है। जलेश्वर महादेव मंदिर में महाशिवरात्रि के मौके पर विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर में आए भक्तों का मानना है कि यहाँ महादेव का वास रहता है। बाबा के दर्शन मात्र से ही मन शांत व प्रसन्नचित्त हो जाता है। जलेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी का कहना कि इस मंदिर को आज भी बहुत कम लोग ही जानते हैं। यहाँ बाहर से कम लोग ही शिवलिंग के दर्शन करने आते हैं