Tirupati Balaji Temple Secrets: इस वजह से तिरुपति बालाजी की आखें रहती हैं बंद, जानें इसके पीछे का रहस्य
तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir) जगत के पालनहार भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान वेंकटेश्वर ने अपने भक्तों को समस्याओं से बचाने के लिए कलयुग में अवतार लिया था। भगवान वेंकटेश्वर (Lord Venkateswara) की आंखों को सफेद मुखौटे से ढक दिया जाता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का रहस्य।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Why Tirupati Balaji eyes are closed: देश में ऐसे कई मंदिर हैं, जो अपने रहस्य की वजह से बेहद प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक है तिरुपति बालाजी मंदिर। यह आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में स्थित है। यह मंदिर अपनी कई मान्यताओं की वजह से मशहूर है। तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Mandir) जगत के पालनहार भगवान विष्णु के एक रूप भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। मान्यता के अनुसार, भगवान वेंकटेश्वर ने अपने भक्तों को समस्याओं से बचाने के लिए कलयुग में अवतार लिया था।
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कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर के रहने से कलयुग का अंत नहीं हो सकता। भगवान वेंकटेश्वर की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर आप कभी तिरुपति बालाजी मंदिर (Tirupati Balaji Temple) गए होंगे या फिर सुना होगा कि भगवान वेंकटेश्वर की आंखें बंद रहती हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान वेंकटेश्वर की आंखों को बंद रखने की क्या वजह है? अगर नहीं पता, तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
भगवान वेंकटेश्वर की आंखे बंद रहने का ये है रहस्य
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कलयुग में तिरुपति मंदिर में भगवान वेंकटेश्वर का वास माना जाता है। प्रभु वेंकटेश्वर को उनकी चमकीली और शक्तिशाली नेत्रों के लिए जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर की आंखों में ब्रह्मांडीय ऊर्जा होने की वजह से भक्त उनके नेत्रों में सीधा नहीं देख सकते हैं। इसलिए भगवान वेंकटेश्वर की आंखों को सफेद मुखौटे से ढक दिया जाता है। भगवान वेंकटेश्वर की आंखों से केवल गुरुवार के दिन ही मुखौटा बदला जाता है, तो ऐसे में इस दौरान क्षण भर के लिए भक्त उनकी आंखों के दर्शन कर सकते हैं।
इस दिन होता है चंदन से स्नान गुरुवार को भगवान वेंकटेश्वर का चंदन से स्नान कराया जाता है और इसके बाद उनकी मूर्ति पर चंदन लगाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश्वर के हृदय पर चंदन लगाने से धन की देवी मां लक्ष्मी की छवि देखने को मिलती है। यह भी पढ़ें: Bada Mangal 2024: कैसे हुई बड़ा मंगल मनाने की शुरुआत? प्राचीन हनुमान मंदिर से जुड़ा है इसका इतिहास
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(Pic Credit- Instagram/ tirupati_venkateswara_ji)