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Neelam Gemstone Benefits: कुंडली में शनि को मजबूत करने के लिए इस तरह करें नीलम रत्न को धारण

Neelam Gemstone रत्न शास्त्र के अनुसार नीलम रत्न को धारण करने से व्यक्ती को बहुत लाभ मिलता है। लेकिन उसे कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसा इसलिए क्योंकि छोटी गलती भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Sun, 11 Sep 2022 12:15 PM (IST)
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Neelam Gemstone को धारण करने से कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है और व्यक्ति को लाभ मिलता है।
 नई दिल्ली, Neelam Gemstone Benefit: ग्रहों को शांत करने के लिए या कुंडली में उत्पन्न हो चुके दोष को समाप्त करने के लिए विभिन्न रत्नों का इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि रत्न शास्त्र में नौ रत्नों का वर्णन मिलता है जिनका संबंध किसी न किसी ग्रह से है। इन रत्नों को धारण करने से जातक के जीवन में खुशियां आती हैं और उसे कई प्रकार के दोष से मुक्ति प्राप्त होती है। आज हम बात कर रहे हैं नीलम रत्न (Sapphire Gemstone) की जिसका संबंध शनि देव से है। व्यक्ति की कुंडली में अगर शनि कमजोर स्थिति में है तो उसे नीलम रत्न धारण करना चाहिए। ऐसा करने से उसे कई प्रकार के लाभ प्राप्त होगा। आइए जानते हैं कैसे करना चाहिए नीलम रत्न को धारण और क्या है इसका लाभ।

इस राशि के जातक कर सकते हैं नीलम रत्न धारण (Neelam Ratna Zodiac Sign)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मकर और कुंभ राशि के जातक नीलम रत्न को धारण कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शनि इन दोनों राशियों का स्वामी ग्रह है। वहीं मिथुन राशि, कन्या राशि, वृषभ और तुला राशि के जातक भी नीलम रत्न को पहन सकते हैं। जिस जातक की कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में है उन्हें यह रत्न धारण करने से बहुत लाभ मिलता है। नीलम रत्न को धारण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसके साथ मूंगा, माणिक्य या मोती ना पहने। इससे जातक को हानि पहुंच सकती है।

नीलम रत्न पहनने से मिलते हैं यह लाभ (Neelam Gemstone Benefit)

रत्न शास्त्र में बताया गया है कि नीलम रत्न धारण करने से व्यक्ति को आर्थिक व मानसिक रूप से बहुत फायदा मिलता है। व्यक्ति अगर कैरियर या बिजनेस में तरक्की चाहता है तो यह रत्न उसके लिए फायदेमंद होता है। जो लोग डिप्रेशन या मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी यह रत्न लाभदायक साबित होता है। मान्यता है कि नीलम रत्न धारण करने से सोचने की क्षमता बढ़ जाती है।

इस तरह करें नीलम रत्न धारण

नीलम रत्न को खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह सवा छह या सवा सात रत्नी का हो। साथ ही शनिवार के दिन इस रत्न को धारण करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। नीलम को पंच धातु या चांदी के धातु में धारण किया जा सकता है। हाथ के विषय में बात करें तो इसे मध्यमा उंगली में धारण करना चाहिए। नीलम रत्न को धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के दूध अथवा गंगाजल से शुद्ध करें और ओम सम शनिश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करके धारण करें। इस बात का भी सुझाव दिया जाता है कि रत्न खरीदने से पहले ज्योतिष विद्वानों से सम्पर्क अवश्य कर लें।

डिसक्लेमर

इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।