Shree Satyanarayan Pooja: जुलाई महीने में इस दिन करें सत्यनारायण देव की पूजा, आर्थिक तंगी होगी दूर
पूर्णिमा तिथि पर बड़ी संख्या में साधक गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं। धार्मिक मत है कि पूर्णिमा तिथि पर स्नान-ध्यान कर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही सभी कष्टों एवं पापों से मुक्ति मिलती है। इस तिथि पर श्री सत्यनारायण देव की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त उपवास भी रखा जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shree Satyanarayan Pooja: जगत के पालनहार भगवान विष्णु की लीला अपरंपार है। उनकी भक्ति-पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ समय के साथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही यश, कीर्ति, वैभव, ऐश्वर्य और सुख में बढ़ोतरी होती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि जगत के नाथ भगवान विष्णु के शरणागत रहने वाले साधकों की हर इच्छा अवश्य ही पूर्ण होती है। साथ ही मृत्यु उपरांत बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। अतः एकादशी और पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा जाती है। साथ ही गुरुवार के दिन भी लक्ष्मी नारायण की उपासना की जाती है। पूर्णिमा तिथि पर श्री सत्यनारायण देव की भी पूजा की जाती है। इस पूजा हेतु मुहूर्त का विचार नहीं किया जाता है। श्री सत्यनारायण देव की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मुक्ति मिलती है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो जुलाई महीने में इस दिन घर पर श्री सत्यनारायण देव की पूजा करें। आइए, तिथि और शुभ मुहूर्त जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो आषाढ़ पूर्णिमा 20 जुलाई को भारतीय समयानुसार सुबह 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 21 जुलाई को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। अतः 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा है। साधक 21 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा व्रत रख सकते हैं। साथ ही 21 जुलाई को ही श्री सत्यनारायण पूजा कर सकते हैं।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 36 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 07 बजकर 38 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 14 मिनट से 04 बजकर 55 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट से 07 बजकर 38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक
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