Adhik Maas Amavasya 2023: अधिक मास की अमावस्या पर जरूर करें ये काम, होगी पुण्य फलों की प्राप्ति
Adhik Maas Amavasya 2023 हिंदू धर्म में अमावस्या एक विशेष महत्व रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त बुधवार के दिन पड़ रही है। अधिकमास की अमावस्या 3 साल बाद आती है इसलिए इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Tue, 15 Aug 2023 10:40 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म। Adhik Maas Amavasya 2023: श्रावण मास के बीच 18 जुलाई से अधिक मास शुरू हो चुका है और इसका समापन 16 अगस्त 2023 को होगा। सावन में अधिक मास का संयोग पूरे 19 साल बाद बन रहा है। अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त को पड़ रही है। पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति के लिए अमावस्या का दिन श्राद्ध की रस्मों को करने के लिए उपयुक्त माना जाता है। साथ ही इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से व्यक्ति को पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
कब की जाएगी अमावस्या
श्रावण अधिक मास की अमावस्या तिथि 15 अगस्त, दोपहर 12 बजकर 42 मिनट पर प्रारंभ होगी। वहीं, इसका समापन 16 अगस्त दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में अधिक मास की अमावस्या 16 अगस्त को मनाई जाएगी।
करें गणेश भगवान की पूजा
अमावस्या की तिथि बुधवार के दिन पड़ रही है। बुधवार का दिन भगवान गणेश को समर्पित है, इसलिए इस दिन पूजा की शुरुआत गणेश जी की पूजा-अर्चना के साथ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिल सकता है। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें शुद्ध जल से स्नान कराएं।अर्पित करें ये चीजें
गणेश जी को जनेऊ, दूर्वा, चंदन आदि चीजें चढ़ाएं। गणेश जी को भोग में उनका प्रिय खाद्य पदार्थ जैसे- लड्डू और मोदक का भोग लगाएं। धूप-दीप जलाएं और आरती करें। पूजा में उनके मंत्र 'ऊँ गं गणपतयै नम:' का जाप करने से भगवान गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है।
भोलेनाथ की इस तरह करें पूजा
अमावस्या के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का अभिषेक करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। जल चढ़ाने के बाद दूध चढ़ाएं। इसके बाद फिर से जल चढ़ाएं। साथ ही अमावस्या के दिन भोले शंकर को शमी के पत्ते और बेलपत्र अर्पित करने से जीवन में आ रहे कष्टों से मुक्ति मिलती है।पितृ दोष से मुक्ति के उपाय
इस विशेष दिन पर सुबह उठकर नदी में स्नान कर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करें। ऐसा कनरे पर पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अमावस्या के दिन शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से पितृ शांत होते हैं। इसके साथ ही आज कंडों पर गुड़-घी अर्पित करें और पितरों की आराधना करें।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी