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Adhik Maas Shivratri 2023: कब है अधिक मास की शिवरात्रि, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

Sawan 2023 शिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के अभिसरण का विशेष पर्व है। हर माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। सावन माह की दूसरी शिवरात्रि आने वाली है। क्योंकि यह शिवरात्रि अधिकमास में पड़ रही है इसलिए इसे श्रावण अधिक मास की शिवरात्रि कहा जाएगा। आइए जानते हैं अधिक मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 29 Jul 2023 11:45 AM (IST)
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Adhik Maas Shivratri 2023 जानिए अधिक मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त।

नई दिल्ली, अध्यात्म। Sawan 2023: 4 जुलाई 2023 से सावन का महीना शुरू हो चुका है जो अधिक मास के चलते 31 अगस्त 2023 तक रहेगा। सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अधिक मास की शिवरात्रि मनाई जाएगी। इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। इस वर्ष अधिक मास की शिवरात्रि 14, अगस्त 2023 सोमवार के दिन पड़ रही है।

मासिक शिवरात्रि का महत्व

मान्यता है कि मानसिक शिवरात्रि के दिन महादेव की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती है। इस साल अधिक मास सावन महीने में आया है। ऐसे में अधिक मास की मासिक शिवरात्रि के दिन शिव पूजा करने से व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की उपासना करने से विशेष लाभ मिलता है।

अधिक मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, सावन अधिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त, सोमवार के दिन सुबह 10 बजकर 25 मिनट से शुरू होगी और यह तिथि 15 अगस्त मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक मान्य रहेगी। अधिक मास की शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 04 मिनट से देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। यह शिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त है। हालांकि सूर्योदय के साथ ही शिवरात्रि का पूजा-पाठ प्रारंभ हो जाता है।

मासिक शिवरात्रि व्रत पूजा विधि

अधिक मास की मासिक शिवरात्रि व्रत के दिन साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें। इसके साथ आज के दिन मंदिर जाकर भगवान शिव का रुद्राभिषेक जरूर करें। महादेव को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे- बेलपत्र, शुद्ध घी, चीनी, शहद, दही इत्यादि अर्पित करें। साथ ही उन्हें धतूरा और श्रीफल भी चढ़ाएं। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'