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Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गणपति बप्पा की पूजा, संकट होंगे दूर

पौष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 30 दिसंबर 2023 को है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है। मान्यता है कि अगर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और गणपति बप्पा की कृपा सदैव बनी रहती है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 29 Dec 2023 10:05 AM (IST)
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Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें गणपति बप्पा की पूजा, संकट होंगे दूर

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Akhuratha Sankashti Chaturthi 2023: सनातन धर्म में अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। हर साल पौष महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार अखुरथ संकष्टी चतुर्थी 30 दिसंबर 2023 को है। इस खास अवसर पर भगवान गणेश की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है कि अगर अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और गणपति बप्पा की कृपा सदैव बनी रहती है। अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पर किसी प्रकार से भगवान गणेश की पूजा करना फलदायी होता है। आइए जानते हैं विस्तार से-

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त

इस बार 30 दिसंबर को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी को है। पंचांग के मुताबिक, पौष महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 43 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानि 31 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर तिथि का समापन होगा।

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अखुरथ संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन प्रात काल में उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।

अब व्रत का संकल्प लेते हुए भगवान गणेश की पूजा करें।

भगवान गणेश के माथे पर तिलक लगाएं।

इसके बाद विधिपूर्वक पूजा करें।

अब आरती करें और लड्डू, दूर्वा घास का भोग लगाएं।

संध्या काल में चंद्रमा के निकलने पर उन्हें अर्घ्य दें और गणेश वंदना का पाठ करें या सुने।

अंत में प्रसाद का वितरण करें।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व

अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा-व्रत करने से साधक के दुख खत्म होते हैं। इस दिन व्रत करने से इंसान के जीवन में सुख और सौभाग्‍य में वृद्धि होती है। इसके अलावा काम में आ रही रुकावट खत्म होती है।

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Author- Kaushik Sharma

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।