Akshaya navami 2024: अक्षय नवमी की पूजा में जरूर करें इस चालीसा का पाठ, धन से भर जाएंगे भंडार
पंचांग के अनुसार कार्तिक माह में 10 नवंबर को (Akshaya navami 2024 Date) अक्षय नवमी का पर्व मनाया जाएगा। अगर आप आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं तो इस समस्या से को दूर करने के लिए अक्षय नवमी की पूजा में लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि इसका पाठ करने से धन से तिजोरी भरी रहती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कार्तिक माह जगत के पालनहार भगवन विष्णु और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है, क्योंकि इस माह में देवउठनी एकादशी (Dev Uthani Ekadashi 2024) के दिन श्रीहरि जागते हैं और शुभ-मांगलिक कार्य शुरू होते हैं। इसी वजह से देवउठनी एकादशी को महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे पहले नवमी तिथि पर अक्षय नवमी (Akshaya navami 2024) का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी और मां लक्ष्मी के संग आंवला के पेड़ की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सच्चे मन से उपासना करने से धन में वृद्धि होती है।
लक्ष्मी चालीसा
॥ सोरठा॥
यही मोर अरदास, हाथ जोड़ विनती करुं।सब विधि करौ सुवास, जय जननि जगदंबिका॥॥ चौपाई ॥
सिन्धु सुता मैं सुमिरौ तोही। ज्ञान बुद्धि विद्या दो मोही॥तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदंबा सबकी तुम ही हो अवलंबा॥तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी॥यह भी पढ़ें: Akshaya navami 2024: अक्षय नवमी की पूजा में करें अष्टलक्ष्मी स्तोत्र का पाठ, मिलेंगे ढेरों लाभ
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी॥केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी॥कृपा दृष्टि चितववो मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी॥
वैदिक पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 09 नवंबर को देर रात 10 बजकर 45 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, नवमी तिथि का समापन 10 नवंबर को रात 09 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में 10 नवंबर को अक्षय नवमी मनाई जाएगी।
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता॥क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो॥चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा॥स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥अक्षय नवमी के दिन लक्ष्मी चालीसा का पाठ करने के बाद मां लक्ष्मी को फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और जातक पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं।मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥ताको कोई कष्ट नोई। मन इच्छित पावै फल सोई॥त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥लक्ष्मी चालीसा का पाठ करते समय मन में किसी के बारें में मन में गलत विचार धारण न करें। साथ ही आंवला नवमी के दिन तामसिक चीजों का सेवन न करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दजै दशा निहारी॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥॥ दोहा॥त्राहि त्राहि दुख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥यह भी पढ़ें: Akshaya Navami 2024: अक्षय नवमी की डेट को लेकर न हो कन्फ्यूज, एक क्लिक में देखें इस पर्व की सही तारीखअस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।