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Ganesh Visarjan 2023: आज किया जाएगा बप्पा को विदा, इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति विसर्जन, जानें पूजा विधि

Ganesh Utsav 2023 19 सितंबर 2023 मंगलवार गणेश चतुर्थी के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत हुई थी है। जिसका समापन आज यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ हो रहा है। आज बड़े ही धूमधाम से गणपति जी को विदा किया जाएगा। आइए इस अवसर पर जानते हैं गणपित विसर्जन का शुभ मुहूर्त और सही पूजा विधि क्या है।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 28 Sep 2023 10:50 AM (IST)
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Ganesh Visarjan 2023 जानिए गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Anant Chaturdashi 2023: हिंदू धर्म में माना गया है कि गणेश उत्सव के 10 दिनों में गणेश जी की पूजा करने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दुख समाप्त हो जाते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी के दिन गणपित विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि इस दिन बप्पा वापस अपने घर जाते हैं, इसलिए उन्हें खुशी-खुशी विदा करना चाहिए।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त

इस साल गणेश विसर्जन 28 सिंतबर 2023, गुरुवार के दिन किया जाएगा। कुछ लोग डेढ़, तीन, पांच अथवा सातवें दिन भी गणपति जी का विसर्जन करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं अलग-अलग दिन गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा।

तीसरे दिन में गणपित विसर्जन का शुभ मुहूर्त - 21 सितंबर 2023 को सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 21 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। साथ ही अपराह्न मुहूर्त शाम 04 बजकर 50 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

पांचवें दिन का शुभ मुहूर्त - 23 सितंबर 2023, शनिवार के दिन अपराह्न मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 15 मिनट से 04 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 19 मिनट से 07 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।

सातवें दिन गणपित विसर्जन का मुहूर्त - 25 सितंबर 2023 सोमवार के दिन अपराह्न मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 44 मिनट से 06 बजकर 16 मिनट तक रहेगा। वहीं, सायाह्न मुहूर्त शाम 06 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त - 28 सितंबर 2023, गुरुवार के दिन गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम को शुभ मुहूर्त 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक गणेश विसर्जन किया जा सकेगा।

गणेश विसर्जन की पूजा विधि

गणपति जी के विसर्जन से पहले गणेश जी की विधि-विधान के साथ पूजा करें। पूजा के दौरान गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करें। परिवार के साथ गणपति की आरती करें। यदि संभव हो तो इस दिन हवन भी कर सकते हैं। विसर्जन से पहले गणेश जी के हाथ में लड्डू की पोटली देनी चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। अंत में अपनी गलतियों के लिए गणेश जी से क्षमा याचना करें और उनके जल्दी वापस आने की कामना करें। इसके बाद गणपति जी की मूर्ति को धूमधाम से विसर्जित करें।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'