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Ganesh Visarjan 2023: आज धूमधाम के साथ किया जाएगा बप्पा को विदा, गणपति विसर्जन के समय बोलें ये मंत्र

Anant Chaturdashi 2023 आज अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 28 सितंबर 2023 गुरुवार के दिन देशभर में धूमधाम के साथ गणपति जी को विदा किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यदि गणेश विसर्जन के दौरान ये मंत्र बोले जाएं तो बप्पा व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देकर जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गणेश विसर्जन की विधि और मंत्र।

By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Thu, 28 Sep 2023 10:48 AM (IST)
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Anant Chaturdashi 2023 गणेश विसर्जन के दौरान बोले ये मंत्र।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Ganesh Visarjan ke Niyam: हिंदू पंचांग के अनुसार, 19 सितंबर से गणेश उत्सव की शरुआत हुई थी जिसका समापन आज अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। आज देशभर में गणपति विसर्जन की धूम रहेगी। माना जाता है कि इस दिन बप्पा वापस अपने घर जाते हैं इसलिए उन्हें खुशी-खुशी विदा करना चाहिए। आइए जानते हैं कि गणपति विजर्सज के दौरान कौन-से मंत्र बोलने से व्यक्ति को लाभ मिल सकता है।

गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त

अनंत चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त 28 सितंबर 2023, गुरुवार के दिन सुबह 06 बजकर 11 मिनट से 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम के समय 04 बजकर 41 मिनट से रात 09 बजकर 10 मिनट तक गणेश विसर्जन किया जा सकेगा।

गणेश विसर्जन की पूजा विधि

गणपति विसर्जन के दिन सबसे पहले गणेश जी की विधि-विधानपूर्वक पूजा करें। इस दौरान गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करें। पूरे परिवार के साथ गणपति की आरती करें। संभव हो तो इस दिन हवन भी कर सकते हैं।

क्योंकि ऐसा माना जाता है कि अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी अपने घर वापस लौटते हैं ऐसे में उन्हें खाली हाथ नहीं भेजना चाहिए। इसलिए विसर्जन से पहले गणेश जी के हाथ में लड्डू की पोटली दे सकते हैं। अंत में अपनी गलतियों के लिए गणेश जी से क्षमा मांगे और जल्दी वापस आने की कामना करें। इसके बाद धूमधाम के साथ खुशी-खुशी गणपति जी का विसर्जित करें।

यह भी पढ़ें - Ganesh Visarjan 2023: गणेश विसर्जन के दौरान इन नियमों का रखें ध्यान, मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

बोले ये मंत्र

गणेश विसर्जन के दौरान बप्पा को विदा करते हुए इन मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को गणपति जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे साधक के जीवन में सुख-समद्धि बनी रहती है।

  • ॐ यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्। इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
  • ऊँ मोदाय नम:
  • ऊँ प्रमोदाय नम:
  • ऊँ सुमुखाय नम:
  • ऊँ दुर्मुखाय नम:
  • ऊँ अविध्यनाय नम:
  • ऊँ विघ्नकरत्ते नम:

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