Bada Mangal 2023 हिन्दू पंचांग में बताया गया है ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन साल का अंतिम बड़ा मंगल पड़ रहा है है। इस विशेष दिन पर की गई हनुमान जी की उपासना से साधक को सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है।
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 30 May 2023 08:55 AM (IST)
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Bada Mangal 2023: ज्येष्ठ मास में मंगलवार का विशेष महत्व है। बता दें कि ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस विशेष दिन पर हनुमान जी की उपासना करें से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पंचांग के अनुसार, इस साल का अंतिम बड़ा मंगल आज यानी 30 जून 2023 (Bada Mangal 2023 Date) है। साथ ही इस दिन गंगा दशहरा पर्व का विशेष संयोग बन रहा है। जिस वजह से इस दिन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। ज्योतिष शास्त्र में भी बड़ा मंगल के सन्दर्भ में कुछ विशेष उपायों को बताया गया है, जिनका पालन करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए पढ़ते हैं बड़ा मंगल से जुड़े कुछ विशेष उपाय।
बड़ा मंगल के दिन करें ये उपाय (Bada Mangal 2023 Upay)
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व्यक्ति के कुंडली में यदि मंगल दोष है तो उन्हें बड़ा मंगल का व्रत अवश्य रखना चाहिए, साथ विधि-विधान से हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। ऐसा करने से साधक को दोष और पीड़ाओं से मुक्ति मिलती है।
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बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान की पूजा के समय उन्हें पान का बीड़ा अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कार्यक्षेत्र और व्यवसाय में उन्नति प्राप्त होती है और जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
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वर्ष के अंतिम मंगलवार के दिन हनुमान को सिंदूर और लाल रंग का वस्त्र अर्पित करें और जल में लाल मसूर की दाल प्रवाहित करें। माना जाता है कि इस उपाय से व्यक्ति को संकटों से मुक्ति मिल जाती है।
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मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस बजरंग बाण का पाठ करने से भी साधक को कई प्रकार के भय से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है।
बड़ा मंगल के दिन करें इन मंत्रों का जाप (Bada Mangal 2023 Hanuman Ji Mantra)
1. ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः।
2. ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय आध्यात्मिकाधिदैवीकाधिभौतिक तापत्रय निवारणाय रामदूताय स्वाहा।3. मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये।।
4. अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।