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Bada Mangal 2023: ज्येष्ठ मास का अंतिम और महत्वपूर्ण बड़ा मंगल कब? जानिए तिथि और महत्व

Bada Mangal 2023 हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास के बड़ा मंगल का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की विधिवत उपासना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 26 May 2023 10:37 AM (IST)
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Bada Mangal 2023: इस वर्ष का अंतिम बड़ा मंगल कब?
नई दिल्ली, आध्यात्म डेस्क | Bada Mangal 2023: हिंदू धर्म में ज्येष्ठ मास के सभी मंगलवार के दिन को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस मास में भगवान श्री राम की भेंट हनुमान जी से हुई थी, जिस वजह से इस मास में प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बड़ा मंगल के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा करने से साधक को सुख-समृद्धि एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगलवार के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसी माह के मंगलवार के दिन वृद्ध रूप में हनुमान जी ने भीम के घमंड को तोड़ा था।

ज्योतिष दृष्टिकोण से भी बड़ा मंगल को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जिस व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है और इसके कारण उसे समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उसे बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा-अर्चना करने से लाभ मिलता है। आइए जानते हैं, कब पड़ रहा है इस साल का आखिरी बड़ा मंगल?

वर्ष 2023 का अंतिम बड़ा मंगल कब?

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2023 में ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल 30 मई के दिन पड़ रहा है। साथ ही इस विशेष दिन पर गंगा दशहरा पर्व भी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। धार्मिक दृष्टिकोण से इस संयोग को बहुत ही शुभ माना जा रहा है। इस विशेष दिन पर हनुमान जी की उपासना करने से और स्नान दान करने से साधक को विशेष लाभ होता है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।

बड़ा मंगल 2023 के दिन करे मंत्र का जाप में

  • ॐ हं हनुमंते नम: ।

  • ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।

  • महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।

  • ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।

  • ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा।

  • आदिदेव नमस्तुभ्यं सप्तसप्ते दिवाकर। त्वं रवे तारय स्वास्मानस्मात्संसार सागरात।

बाधाओं से मुक्ति के लिए

अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं, दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।

सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं, रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि ।।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।