Bada Mangal 2024 Date: कब है साल का पहला बड़ा मंगल? इस पूजा विधि से सभी संकटों से मिलेगी निजात
धार्मिक मान्यता के अनुसार ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले पहले मंगलवार को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और उनके परम भक्त हनुमान जी का मिलन हुआ था। इस माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस शुभ मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bada Mangal Puja Vidhi: हिंदू नववर्ष का तीसरा महीना ज्येष्ठ माह होता है। इस माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस शुभ मौके पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के भक्त हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है और जीवन में शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत भी किया जाता है। इस बार साल का पहला बड़ा मंगल 28 मई (Bada Mangal 2024 Date) को है। माना जाता है कि इस दिन विधिपूर्वक बजरंगबली की पूजा करने से सभी संकटों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं बड़ा मंगल के दिन हनुमान जी की पूजा किस तरह करना कल्याणकारी माना जाता है।
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बड़ा मंगल पूजा विधि (Bada Mangal Puja Vidhi)
बड़ा मंगल के दिन सुबह उठें और स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। अब मंदिर की साफ-सफाई कर गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर हनुमानजी की प्रतिमा विराजमान करें। उन्हें वस्त्र पहनाएं और रोली, अक्षत और पुष्प अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रों का जाप करें। इसके अलावा हनुमान चालीसा का पाठ करना फलदायी माना जाता है। बूंदी के लड्डू, मिठाई और फल का भोग लगाएं। अपनी श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में विशेष चीजों का दान करें।इन मंत्रों का करें जापहनुमान मंत्रअतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमःयश-कीर्ति के लिए मंत्रऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमायप्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा।
शत्रु पराजय के लिए हनुमान मंत्रऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकायरामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्तिभेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा।यह भी पढ़ें: Ekdant Sankashti Chaturthi 2024: ज्येष्ठ माह में कब है एकदंत संकष्टी चतुर्थी? जानें पूजा का सही समय
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