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Banana Leaves during Puja: जानें पूजा-पाठ में केले के पत्ते का महत्व, हर कष्ट का करते हैं निवारण

केला का पत्ता पूजा-पाठ में प्रयोग होने वाली सामग्री का एक मुख्य हिस्सा हैं। केले के फल तने और पत्तों का उपयोग करना काफी शुभ माना गया है। धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन में इनका प्रयोग किया जाता है। आइये जानते है इसके पीछे के धार्मिक कारण।

By Jagran NewsEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 09 May 2023 06:20 PM (IST)
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Banana Leaves during Puja पूजा-पाठ में केले के पत्ते का महत्व

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Banana Leaves during Puja: हिंदू धर्म में कई पेड़-पौधों को पूजनीय माना गया है। उन्हीं में से एक हैं- केला का पेड़। पूजा पाठ के दौरान केला का फल, तने और पत्तों का उपयोग किया जाता है। खासकर दक्षिण भारत में केले के पत्तों का उपयोग प्रमुख तौर पर किया जाता है। मान्यता है कि केले के वृक्ष में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी वास करती हैं। वहीं, केले के पेड़ का संबंध बृहस्पति देव से भी माना गया है। मान्यता है कि केला वृक्ष के जड़ की गुरुवार को पूजा करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।

भरे रहेंगे अन्न भंडार

भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला का भोग लगाया जाता है। वहीं सत्यनारायण भगवान की कथा में केले के पत्तों से बने मंडप का विशेष महत्व है। इससे ग्रहों पर भी अनुकूल प्रभाव पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार, केले के पत्तों पर माता लक्ष्मी और विष्णु जी का भोग लगाने से घर में अन्न भंडार की कभी कमी नहीं होती है।

वैवाहिक जीवन बनेगा सुखमय

ऐसी मान्यता है कि अगर केले के पत्ते पर केला फल का ही भोग लगाया जाए तो इससे दांपत्य जीवन की परेशानियां दूर होती है और साथ ही वैवाहिक जीवन का संपूर्ण सुख मिलता है। केला का पौधा घर में लगाने से आर्थिक संकट दूर हो जाता है।

दूर होते हैं मांगलिक दोष

माना जाता है कि मांगलिक दोष वाले व्यक्ति की अगर केले के पेड़ से शादी की जाए तो उसका मांगलिक दोष दूर हो जाता है। किसी पूजा में या मांगलिक कार्यों में दरवाजे पर केले के पत्तों को लगाना बहुत शुभ होता है। भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को केला चढ़ाने से घर में सुख व समृद्धि आती है।

Writer- Suman Saini

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'