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Basant Panchami 2024: ऐसे मनाएं बसंत पंचमी का त्योहार, मां सरस्वती देंगी समृद्धि का आशीर्वाद

ज्ञान और कला की देवी माता सरस्वती जी के लिए बसंत पंचमी का दिन समर्पित माना गया है। यह पर्व प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां सरस्वती की आराधना द्वारा उनकी कृपा प्राप्त की जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सरस्वती जी की कृपा प्राप्त करने के लिए बसंत पंचमी कैसे मनानी चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Tue, 13 Feb 2024 01:30 PM (IST)
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Saraswati Puja 2024 ऐसे मनाएं बसंत पंचमी का त्योहार।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saraswati Puja 2024: धार्मिक दृष्टि से बसंत पंचमी का दिन विशेष महत्व रखता है। मान्यता है कि बसंत पंचमी पर सरस्वती जी की पूजा करने से साधक को शिक्षा और कला के क्षेत्र में सफलता मिल सकती है। माना जाता है कि इसी तिथि पर ब्रह्मा जी के मुख से देवी सरस्वती प्रकट हुई थी।

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurat)

माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इसका समापन 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में बसंत पंचमी का त्योहार 14 फरवरी, बुधवार को मनाया जाएगा। साथ ही इस दिन सरस्वती पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।

ऐसे करें दिन की शुरुआत

बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि से निवृत होने के बाद माता सरस्वती का ध्यान करें। इस दिन पीले वस्त्र धारण करने चाहिएं। आप चाहें तो इस दिन सरस्वती जी के निमित्त व्रत भी कर सकते हैं। अब अपने मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। मंदिर में चौकी बिछाकर उसपर पीले रंग का कपड़ा बिछाएं और मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।

इस तरह करें पूजा

पूजा के दौरान घर के सभी सदस्यों को खासकर बच्चों को जरूर शामिल करें। अब परिवार सहित मां सरस्वती जी को पीले फूल और केसर रोली, चंदन, हल्दी और अक्षत अर्पित करें। इसके साथ ही माता को पीले रंग के वस्त्र समर्पित करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही मां सरस्वती को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। शिक्षा और कला के क्षेत्र में उन्नति के लिए माता सरस्वती की पूजा में शिक्षा से संबंधित चीजें जैसे पेन, कॉपी और वाद्य यंत्र भी शामिल करने चाहिए।

बसंत पंचमी के दिन से बसंत ऋतु की शुरुआत भी मानी जाती है। इसलिए इस दिन देवी को गुलाब अर्पित करना चाहिए। आप एक दूसरे को गुलाल का टीका भी लगा सकते हैं। अंत में सरस्वती जी की आरती कर प्रसाद सभी में वितरित करें। मां सरस्वती की विशेष कृपा के लिए बसंत पंचमी के दिन सरस्वती जी के मंत्रों का जाप करना भी शुभ फलकारी माना जाता है।

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'