Pradosh Vrat 2024: नहीं मिल रहा है मनचाहा वर, तो प्रदोष व्रत की पूजा से समस्या होगी दूर
हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन संध्याकाल में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने का विधान है। साथ ही जीवन के दुखों से मुक्ति पाने के लिए व्रत किया जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर महादेव की कृपा किस तरह प्राप्त कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat: सभी व्रतों में भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत महत्वपूर्ण माना जाता है। पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह का पहला प्रदोष व्रत 31 अगस्त (Pradosh Vrat) को है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन सच्चे मन से शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता मिलती है और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। आइए पढ़ते हैं शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र।
शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर जरूर आजमाएं विशेष उपाय, वैवाहिक रिश्ते में आएगी मिठास
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।करालं महाकालकालं कृपालं ।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।