Bhadrapada Purnima 2024: भाद्रपद पूर्णिमा पर ऐसे प्राप्त करें मां लक्ष्मी की कृपा, धन के भरे रहेंगे भंडार
भाद्रपद माह की पूर्णिमा तिथि को भाद्रपद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। पंचांग के अनुसार 17 सितंबर को पूर्णिमा व्रत (Bhadrapada Purnima 2024 Date) रखा जाएगा। इस शुभ अवसर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करना जातक के लिए बहुत फलदायी साबित होती है। आइए जानते हैं पूर्णिमा पर किस तरह जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में हर महीने पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। पूर्णिमा तिथि पर चंद्र देव, भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। ऐसे में पूर्णिमा की पूजा के दौरान महालक्ष्मी स्तुति का पाठ जरूर करें। मान्यता है कि इसका पाठ करने से साधक को कभी भी धन की कमी नहीं होती है और सदैव धन के भंडार भरे रहते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। आइए पढ़ते हैं महालक्ष्मी स्तुति।
महालक्ष्मी स्तुति
आदि लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु परब्रह्म स्वरूपिणि।यशो देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।1।।सन्तान लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पुत्र-पौत्र प्रदायिनि।पुत्रां देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।2।।
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विद्या लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु ब्रह्म विद्यास्वरूपिणि।विद्यां देहि कलां देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।3।।
धन लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व दारिद्र्य नाशिनि।धनं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।4।।धान्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वाभरण भूषिते।धान्यं देहि धनं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।5।।मेधा लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु कलि कल्मष नाशिनि।प्रज्ञां देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।6।।
गज लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वदेव स्वरूपिणि।अश्वांश गोकुलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।7।।धीर लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु पराशक्ति स्वरूपिणि।वीर्यं देहि बलं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।8।।जय लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व कार्य जयप्रदे।जयं देहि शुभं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।9।।भाग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सौमाङ्गल्य विवर्धिनि।भाग्यं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।10।।
कीर्ति लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु विष्णुवक्ष स्थल स्थिते।कीर्तिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।11।।आरोग्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व रोग निवारणि।आयुर्देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।12।।सिद्ध लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्व सिद्धि प्रदायिनि।सिद्धिं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।13।।सौन्दर्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु सर्वालङ्कार शोभिते।रूपं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।14।।
साम्राज्य लक्ष्मि नमस्तेऽस्तु भुक्ति मुक्ति प्रदायिनि।मोक्षं देहि श्रियं देहि सर्व कामांश्च देहि मे।।15।।मङ्गले मङ्गलाधारे माङ्गल्ये मङ्गल प्रदे।मङ्गलार्थं मङ्गलेशि माङ्गल्यं देहि मे सदा।।16।।सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।शरण्ये त्रयम्बके देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।17।।यह भी पढ़ें: Chandra Grahan 2024: भाद्रपद पूर्णिमा पर लगेगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, इन राशियों को रहना होगा बेहद सावधान
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