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Bhagwan Ka Bhog: देवी-देवताओं को भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान, बनी रहेगी कृपा

हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। पूजा-पाठ को पूरे विधि-विधान से किया जाए तभी इसका फल प्राप्त होता है। यदि आप भगवान का भोग लगाते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखेंगे तो वह आपसे सदैव प्रसन्न रहेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sun, 14 May 2023 10:48 AM (IST)
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Bhagwan Ka Bhog भोग लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Bhagwan Ka Bhog: पूजा के समय भोग लगाना सबसे जरूरी माना गया है। कई लोग अनजाने में भोग लगाते समय कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसका बाद में उन्हें बुरा परिणाम झेलना पड़ता है। इसलिए देवी-देवताओं को भोग लगाते समय इन गलतियों को करने से बचना चाहिए।

सात्विक होना चाहिए भोग

भगवान को हमेशा सात्विक चीजों का ही भोग लगाना चाहिए। अगर आप भगवान के लिए भोग स्वंय बना रहे हैं तो इस बात का ध्यान रखें की भोग में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल न हो।

इन बर्तनों का न करें इस्तेमाल

भगवान को भोग लगाते समय कभी भी लोहे या एल्यूमीनियम के बर्तन का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके स्थान पर चांदी, सोना, पीतल या मिट्टी के बर्तन का इस्तेमाल करें।

तुरंत न हटाएं भोग

भोग लगाने के बाद तुरंत ही भगवान के सामने से भोग नहीं हटाना चाहिए। और न ही भोग को मंदिर में रखा छोड़ें। भोग लगाने के कुछ समय बाद मंदिर से प्रसाद हटाएं। भगवान को भोग लगाने के बाद प्रसाद जरूर बांटें।

इस बात का रखें खास ख्याल

भगवान विष्णु के भोग में तुलसी का पत्ता जरूर रखें। तुलसी के बिना उसका भोग अधूरा माना जाता है। इस बात का भी ध्यान रखें कि भगवान शिव और गणेश जी के भोग में तुलसी का इस्तेमाल नहीं होता।

इस तरह का हो भोग

धर्म ग्रंथों के अनुसार प्रत्येक देवी-देवता का एक प्रिय भोजन होता है। जैसे हनुमान जी का प्रिय भोग लड्डू पेड़ा और हलवा हैं। वहीं गणेश जी को मोदक खाना पसंद है। संभव हो तो प्रत्येक देवी-देवताओं को उनका पसंदीदा भोग ही अर्पण करें। इससे भगवान जल्दी प्रसन्न होते हैं। आप मिश्री, मिठाई आदि का भोग भी लगा सकते हैं।

By- Suman Saini

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'