Move to Jagran APP

Bhagwan Kartikey Ki Aarti: स्कंद षष्ठी पर जरूर करें भगवान कार्तिकेय की आरती, बनी रहेगी कृपा

Bhagwan Kartikey Ki Aarti भगवान कार्तिकेय को मुरुगन भी कहा जाता है। यह माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वैसे तो इनकी पूजा लगभग हर व्यक्ति करता है लेकिन ज्यादातर इन्हें दक्षिण भारत में पूजा जाता है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sat, 19 Dec 2020 12:19 PM (IST)
Hero Image
Bhagwan Kartikey Ki Aarti: स्कंद षष्ठी पर जरूर करें भगवान कार्तिकेय की आरती, बनी रहेगी कृपा
Bhagwan Kartikey Ki Aarti: भगवान कार्तिकेय को मुरुगन भी कहा जाता है। यह माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के ज्येष्ठ पुत्र हैं। वैसे तो इनकी पूजा लगभग हर व्यक्ति करता है लेकिन ज्यादातर इन्हें दक्षिण भारत में पूजा जाता है। भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिल नाडु में इनकी विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। सिर्फ भारत में ही नहीं जहां-जहां तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं वहां इन्हें पूजा जाता है जैसे श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि। कहा जाता है कि भगवान कार्तिकेय तमिलनाडु के रक्षक देव भी हैं। मान्यता है कि कार्तिकेय जी सदैव बालक रूप में ही रहते हैं।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय 6 बालकों के रूप में जन्मे थे। इनकी पालन-पोषण सप्त ऋषि की पत्नि कृतिका ने किया था। इसलिए इन्हें कार्तिकेय धातृ कहा जाता है। आज स्कंद षष्ठी है। आज का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। आज के दिन कार्तिकेय जी की पूजा की जाती है। मान्यता है यह भी है कि स्कंद षष्ठी का व्रत पूरे विधि-विधान से करने के बाद व्यक्ति की संतान के कष्ट कम हो जाते हैं और उन्हें दीर्घायु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद देव भी कहा जाता है या इस नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में इस तिथि को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। भगवान कार्तिकेय को स्कंद देव भी कहा जाता है या इस नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में इस तिथि को स्कंद षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा करते समय व्यक्ति को भगवान कार्तिकेय की आरती जरूर करनी चाहिए। आइए पढ़ते हैं भगवान कार्तिकेय की आरती।

जय जय आरती

जय जय आरती वेणु गोपाला

वेणु गोपाला वेणु लोला

पाप विदुरा नवनीत चोरा

जय जय आरती वेंकटरमणा

वेंकटरमणा संकटहरणा

सीता राम राधे श्याम

जय जय आरती गौरी मनोहर

गौरी मनोहर भवानी शंकर

साम्ब सदाशिव उमा महेश्वर

जय जय आरती राज राजेश्वरि

राज राजेश्वरि त्रिपुरसुन्दरि

महा सरस्वती महा लक्ष्मी

महा काली महा लक्ष्मी

जय जय आरती आन्जनेय

आन्जनेय हनुमन्ता

जय जय आरति दत्तात्रेय

दत्तात्रेय त्रिमुर्ति अवतार

जय जय आरती सिद्धि विनायक

सिद्धि विनायक श्री गणेश

जय जय आरती सुब्रह्मण्य

सुब्रह्मण्य कार्तिकेय।