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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर इस सरल विधि से करें महादेव की पूजा, सभी मुरादें होंगी पूरी

प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और जातक को भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। जो जातक इस दिन भगवान शिव की पूजा करता है। प्रभु उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर मुरादें पूरी करते हैं और सभी तरह के दुखों को दूर करते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 29 May 2024 01:12 PM (IST)
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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर इस सरल विधि से करें महादेव की पूजा, सभी मुरादें होंगी पूरी
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat and Puja Vidhi: देवों के देव महादेव को त्रयोदशी तिथि समर्पित है। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ज्येष्ठ माह का पहला प्रदोष व्रत 04 जून को किया जाएगा। इस दिन मंगलवार होने की वजह से यह भौम प्रदोष व्रत कहलाएगा।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, त्रयोदशी पर भगवान शिव की पूजा संध्याकाल में करने से आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है और जातक को भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है। जो जातक इस दिन सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा करता है। प्रभु उसकी भक्ति से प्रसन्न होकर मुरादें पूरी करते हैं और सभी तरह के दुखों को दूर करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा किस तरह करनी चाहिए।

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प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 04 जून को रात 12 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन अगले दिन यानी 04 जून को रात 10 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 04 जून को रखा जाएगा।

प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और इसके बाद स्नान करें।
  • साफ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को चौकी पर विराजमान करें।
  • शिवलिंग का शहद, घी और गंगाजल से अभिषेक करें।
  • अब प्रभु को कनेर के फूल, बेलपत्र और भांग अर्पित करें और मां पार्वती को श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं।
  • दीपक जलाकर महादेव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें।
  • शिव जी के मंत्रों का जाप करना भी कल्याणकारी होता है।
  • अंत में फल और मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।