Bhog Ke Niyam: भगवान को प्रसाद चढ़ाने के बाद उसका क्या करना चाहिए? यहां जानिए सारी जानकारी
किसी भी देवी-देवता की पूजा के समय भोग लगाना और नैवेद्य अर्पित करना जरूरी माना जाता है। इन सभी चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। इस दौरान कई नियमों का भी ध्यान रखा जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि भोग लगाने के बाद चढ़ाए गए प्रसाद का क्या करना चाहिए जिससे देवी-देवता की कृपा आपके और आपके परिवार के ऊपर बनी रहे।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Bhog Ke Niyam: हिंदू धर्म में ईश्वर का आभार प्रकट करने के लिए पूजा-पाठ को एक अच्छा माध्याम माना जाता है। सनातन धर्म में माना गया है कि नियमित रूप से पूजा-पाठ करने से ईश्वर की कृपा से घर-परिवार में सुख-समृद्धि का माहौल बना रहता है। ऐसे में भगवान को भोग लगाते समय भी कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि पूजा-पाठ का आपको शुभ परिणाम मिल सके।
कितने समय के लिए लगाएं भोग
ध्यान रखें कि न तो भोग को तुरंत हटाएं और न ही ज्यादा देर तक मंदिर में रखे रहने दें। पूजा के बाद आप 5 मिनट के लिए भोग को भगवान के पास रखें और इसके बाद इसे हटा लें। माना जाता है कि यदि आप भोग लगाने के थोड़ी देर बाद उसे मंदिर से नहीं हटाते, तो इससे नकारात्मकता व्याप्त हो सकती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्यादा देर तक भोग को रखे रहने से उसमें विश्वकसेन, चंदेश्वर, चन्डान्शु और चांडाली नामक बुरी शक्तियां आ जाती हैं।
भोग का क्या करें (Bhog Ke Niyam)
भोग लगने के बाद प्रसाद को जितने लोगों में संभव हो उतने लोगों में बांटना चाहिए और खुद भी ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है। इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखें कि भोग हमेशा सात्विक और स्वच्छ तरीके से बना हुआ होना चाहिए। वहीं, अगर आप देवी-देवताओं को उनका प्रिय भोग अर्पित करते हैं, तो इससे आपकी मनोकामना जल्द पूर्ण होती है।कैसे बर्तन में चढ़ाएं भोग
नैवेद्य या भोग को हमेशा सोने, चांदी, तांबे, लड़की या फिर मिट्टी से बने पत्र में रखकर चढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील या प्लास्टिक से बने बर्तन में भोग लगाना शुभ नहीं माना जाता।
इस मंत्र का करें जाप (Bhog Mantra)
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान भोग को जल्द स्वीकार करते हैं। डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'