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Brihaspati Dev Puja Vidhi: बृहस्पतिवार के दिन इस तरह करें बृहस्पति देव की पूजा, मनोकामना होती है पूरी

Brihaspati Dev Puja Vidhi आज गुरुवार है और आज का दिन भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। इनकी विधि-विधान के साथ पूजा करने पर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं कि कैसे करें बृहस्पति देव की पूजा और व्रत कथा की विधि।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Thu, 18 Mar 2021 09:06 AM (IST)
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Brihaspati Dev Puja Vidhi: बृहस्पतिवार के दिन इस तरह करें बृहस्पति देव की पूजा, मनोकामना होती है पूरी

Brihaspati Dev Puja Vidhi: आज गुरुवार है और आज का दिन भगवान बृहस्पति देव की पूजा का विधान है। इनकी विधि-विधान के साथ पूजा करने पर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। मान्यता है कि जल्द विवाह के लिए भी गुरुवार का व्रत किया जाना बेहद शुभ माना जाता है। बृहस्पति देव को गुरु, धर्म और शिक्षा का कारक कहा जाता है। साथ ही इन्हें देवताओं का गुरु भी कहा जाता है। इसके साथ ही कहा गया है कि बृहस्पति देव का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में भी खुशहाली आती है। इस दिन व्रत करने के कई नियम हैं। तो आइए जानते हैं कि कैसे करें बृहस्पति देव की पूजा और व्रत कथा की विधि।

गुरुवार व्रत की विधि:

गुरुवार के दिन पूजा करने से लिए सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए फिर बृहस्पति देव का पूजन करना चाहिए। इन्हें पूजन में पीली वस्तुएं, पीले फूल, चने की दाल, मुनक्का, पीली मिठाई, पीले चावल और हल्दी अर्पित करनी चाहिए। इसके बाद केले के पेड़ की का पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान कथा और आरती करना चाहिए। सच्चे मन के साथ अपनी मनोकामना बृहस्पतिदेव के आगे कहनी चाहिए।

केले के पेड़ पर जल में हल्दी डालकर अर्पित करनी चाहिए। केले के पेड़ की जड़ में चने की दाल और मुनक्का चढ़ाएं। फिर दीपक जलाएं और पेड़ की आरती करें। इस दिन व्रत के दौरान केवल एक ही समय भोजना करना चाहिए। खाने में चने की दाल या पीली चीज ही खानी चाहिए। इस दिन नमक का सेवन न करें। हो सके तो पीले वस्त्र ही पहनें। वहीं, पीले फलों का इस्तेमाल करें। पूजा के बाद भगवान बृहस्पति की कथा सुननी चाहिए। 

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'