Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा आज, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
Buddha Purnima 2023 सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन साधक पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही पूजा जप तप और दान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धूल जाते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 05 May 2023 09:30 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Buddha Purnima 2023: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व आज यानि 05 मई को मनाया जा रहा है। जबकि, वैशाख पूर्णिमा तिथि को ही परिनिर्वाण हुआ था। अतः वैशाख पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन साधक पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं। साथ ही पूजा, जप, तप और दान करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। साथ ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि हमेशा बरसती है। आइए, बुद्ध पूर्णिमा की तिथि, पूजा विधि और महत्व जानते हैं-
शुभ मुहूर्तहिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 4 मई को देर रात 11 बजकर 44 मिनट पर शुरू होकर 5 मई को देर रात 11 बजकर 30 मिनट पर समाप्त होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि मान्य है। इसके लिए 5 मई को पूर्णिमा है। अतः पूर्णिमा व्रत भी शुक्रवार को रखा जाएगा।
पूजा विधिवैशाख पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले जगत के पालनहार भगवान विष्णु को प्रणाम करें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत होकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान करें। अगर सुविधा है, तो पवित्र नदी में जाकर स्नान-ध्यान करें। इसके बाद नदी में काले तिल प्रवाहित करें। अब भगवान भास्कर को जल का अर्घ्य दें। इसके बाद पीले रंग के वस्त्र धारण कर भगवान विष्णु की पूजा पीले रंग के फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूर्वा आदि चीजों से करें। पूजा के समय पूर्णिमा व्रत कथा का पाठ करें। अंत में आरती अर्चना कर सुख, शांति, समृद्धि और धन वृद्धि की कामना करें। दिन भर उपवास रखें। शाम में आरती कर 8 बजे से पूर्व फलाहार कर लें। ग्रहण समाप्ति के बाद चंद्र देव की पूजा करें।
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