Move to Jagran APP

Budh Pradosh Vrat 2024: जुलाई के पहले प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ को प्रसन्न, पूरी होगी हर मनोकामना

प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की पूजा से साधक को जीवन में कई लाभ देखने को मिल सकते हैं। हर माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ऐसे में आषाढ़ माह का पहला प्रदोष व्रत 3 जुलाई को किया जाएगा। चलिए जानते हैं कि आप किस प्रकार इस विशेष दिन पर शिव जी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Published: Tue, 02 Jul 2024 08:00 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jul 2024 08:00 PM (IST)
Budh Pradosh Vrat 2024 प्रदोष व्रत पर इस तरह करें भोलेनाथ को प्रसन्न।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा प्राप्ति के लिए विशेष माना गया है। इस दिन कई साधक उपवास करते हैं। इस दिन भगवान शिव के निमित्त व्रत और पूजा-पाठ करने से सभी रोग-दोष दूर बने रहते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं आषाढ़ माह के प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat Shubh Muhurat)

आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 जुलाई 2024 को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर हो रही है। यह तिथि 04 जुलाई को प्रातः 05 बजकर 54 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में आषाढ़ माह का प्रदोष व्रत 03 जुलाई, बुधवार के दिन किया जाएगा। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा। इस दौरान शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा -

बुध प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त - शाम 07 बजकर 23 मिनट से 09 बजकर 21 मिनट तक

प्रदोष व्रत की पूजा विधि

प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर सभी कार्यों से निवृत हो जाएं। इसके बाद हाथ में जल (गंगाजल), फूल और अक्षत लेकर भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें। अब समस्त शिव की विधि-विधान से रूप से पूजा करें और मालपुआ, सफेद बर्फी, सूजी के हलवे या फिर खीर आदि का लगाएं।

शाम के समय पुनः स्नान करने के बाद पूरे विधि-विधान के साथ शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें। इसके बाद कथा सुनें और अगले दिन सूर्योदय के समय शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने के बाद अपना उपवास खोलें।

यह भी पढ़ें - Kawad Yatra 2024: कब और कैसे हुई थी कांवड़ यात्रा की शुरुआत? पढ़ें इससे जुड़ी पौराणिक कथा

इन बातों का रखें विशेष ध्यान

बुध प्रदोष व्रत के दिन घर की साफ-सफाई के साथ-साथ पूजा-स्थल की भी अच्छे से साफ-सफाई करें। इस दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही मांस व मदिरा आदि से भी दूरी बनाए रखें। यह भी माना गया है कि प्रदोष व्रत के दिन नाखून या बाल काटना और दाढ़ी आदि नहीं बनवानी चाहिए।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.