Budhwar ke Upay: करियर, बिजनेस और धन लाभ के लिए बुधवार को ये खास उपाय, बुध ग्रह भी होगा मजबूत
Budhwar ke Upay ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुधवार के दिन भगवान गणेश की पूजा पाठ करने का विशेष महत्व है। इसके साथ ही बुधवार के दिन बुध ग्रह संबंधित कुछ उपाय करके शारीरिक और मानसिक तनाव से छुट्टा पा सकते हैं साथ ही करियर और कारोबार में धन लाभ होगा।
नई दिल्ली, Astro Tips For Wednesday: पंचांग के अनुसार, सप्ताह का हर एक दिन किसी न किसी देवी देवता को समर्पित है। इसी तरह बुधवार का दिन प्रथम पुज्य भगवान गणेश को समर्पित है। इसके साथ ही बुधवार का दिन बुध ग्रह से संबंधित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में बुध की स्थिति कमजोर होने के कारण मानसिक और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही कारोबार, बिजनेस और नौकरी में बुरा असर पड़ता है। ऐसे में आप चाहे तो बुधवार के दिन कुछ खास उपायों को अपना सकते हैं। श्री गणेश के आशीर्वाद से हर एक कष्ट से छुटकारा मिल जाएगा। इसके साथ ही हर क्षेत्र में सफलता हासिल होगी।
मां दुर्गा की करें पूजा
मां दुर्गा की कृपा पाने के लिए बुधवार के दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। इसके साथ आप चाहे तो दुर्गा चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से मां दुर्गा की असीम कृपा प्राप्त होगी।
करें भगवान गणेश की पूजा
बुधवार के दिन भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करें। इसके साथ ही चाहे तो मोदक का भी भोग लगा सकते हैं। इसके साथ ही ऋणहर्ता गणेश स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से व्यक्ति को हर कष्ट से छुटकारा मिल जाएगा।
मूंग की दाल का दान
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बुधवार के दिन मूंग की दाल और हरे रंग के वस्त्रों का दान करें। ऐसा करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति मजबूत होगी।
गाय को खिलाएं घास
बुधवार के दिन गाय को हरी घास या फिर मेथी, पालक आदि हरी सब्जियां खिलाएं। ऐसा कने से ग्रह दोष से निजात मिलती है। इसके साथ ही 33 करोड़ देवी देवता प्रसन्न होते हैं।
इन मंत्रों का करें जाप
कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति को मजबूत करने के लिए इन मंत्रों का जाप करें। इन बीज मंत्रों का जाप करने से मानसिक और शारीरिक तनाव से निजात मिल जाती है। इसके साथ ही व्यक्ति सफलता की सीढियां चढ़ता जाता है।
बीज मंत्र
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः!
- ॐ बुं बुधाय नमः अथवा ॐ ऐं श्रीं श्रीं बुधाय नमः!
- ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम:
- प्रियंगुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम। सौम्यं सौम्य गुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम।।
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