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Chaitra Navratri 2023 7th Day: महासप्तमी पर पूजा के समय करें माता कालरात्रि के इन चमत्कारी मंत्रों का जाप

Chaitra Navratri 2023 नवरात्रि पर्व के सातवें दिन माता कालरात्रि की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता कालरात्रि की उपासना करने से साधकों भय दोष और संकटों से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 28 Mar 2023 09:55 AM (IST)
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Chaitra Navratri 2023 Day 7: आज जरूर करें माता कालरात्रि के इन मंत्रों का जाप।

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Chaitra Navratri 2023 Day 7, Mata Kalratri Aarti: हिन्दू धर्म में चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन माता कालरात्रि की विधि-विधान से उपासना की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि आज यानि चैत्र शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन माता कालरात्रि की उपासना करने से साधक को भय एवं दोष से मुक्ति मिल जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

शास्त्रों में बताया गया है कि माता कालरात्रि को शुभांकरी के नाम से भी जाना जाता है, ऐसा इसलिए क्योंकि देवी की उपासना और मंत्रों का जाप करने से साधकों को अति शुभ फल प्राप्त होता है। साथ ही मां शनि ग्रह को शासित करती हैं। इसलिए देवी कालरात्रि के मंत्रों का जाप करने से साधक पर पड़ रहे शनि का अशुभ प्रभाव दूर हो जाता है। आइए पढ़ते हैं माता कालरात्रि आरती, मंत्र और स्तोत्र।

माता कालरात्रि पूजा मंत्र

एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता ।

लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी ।।

वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा ।

वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी ।।

स्तुति

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता । नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।

माता कालरात्रि स्तोत्र

हीं कालरात्रि श्रीं कराली च क्लीं कल्याणी कलावती ।

कालमाता कलिदर्पध्नी कमदीश कुपान्विता ।।

कामबीजजपान्दा कमबीजस्वरूपिणी ।

कुमतिघ्नी कुलीनर्तिनाशिनी कुल कामिनी ।।

क्लीं ह्रीं श्रीं मन्त्र्वर्णेन कालकण्टकघातिनी ।

कृपामयी कृपाधारा कृपापारा कृपागमा ।।

माता कालरात्रि आरती

कालरात्रि जय जय महाकाली। काल के मुंह से बचाने वाली ।।

दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा। महाचंडी तेरा अवतारा ।।

पृथ्वी और आकाश पे सारा। महाकाली है तेरा पसारा ।।

खड्ग खप्पर रखने वाली। दुष्टों का लहू चखने वाली ।।

कलकत्ता स्थान तुम्हारा। सब जगह देखूं तेरा नजारा ।।

सभी देवता सब नर-नारी। गावें स्तुति सभी तुम्हारी ।।

रक्तदन्ता और अन्नपूर्णा। कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ।।

ना कोई चिंता रहे ना बीमारी। ना कोई गम ना संकट भारी ।।

उस पर कभी कष्ट ना आवे। महाकाली माँ जिसे बचावे ।।

तू भी भक्त प्रेम से कह। कालरात्रि माँ तेरी जय ।।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।