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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की इस कथा का करें पाठ, पूजा होगी सफल

देशभर में नवरात्र का पर्व अधिक धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्योहार के आने का भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं। चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए कथा का पाठ किया जाता है। चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन यानी मां ब्रह्मचारिणी की कथा।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 10 Apr 2024 06:30 AM (IST)
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Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की इस कथा का करें पाठ, पूजा होगी सफल

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Chaitra Navratri 2024 Day 2 Maa Brahmacharini Katha: सनातन धर्म में चैत्र नवरात्र को बेहद खास माना जाता है। इस त्योहार को देशभर में अधिक उत्साह के साथ मनाया जाता है। नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है और निमित्त उपवास भी रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्र के दौरान में विधिपूर्वक देवी के नौ रूपों की पूजा करने से साधक को सुख और शांति मिलती है। चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए कथा का पाठ किया जाता है। चलिए जानते हैं चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन यानी मां ब्रह्मचारिणी की कथा।

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मां ब्रह्मचारिणी कथा (Maa Brahmacharini Katha)

शास्त्रों के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने राजा हिमालय की बेटी के रूप में जन्म लिया था, जिन्हें मां पार्वती के नाम से जाना जाता है। उन्होंने अपना घर छोड़कर देवों के देव महादेव को पति के रूप में पाने के लिए जीवन में अधिक तपस्या की। पहले एक हजार वर्षों तक वो फल, फूल खाकर जीवित रही। इसके बाद वह एक हजार साल तक जड़ी-बूटियों पर जीवित रही और उसके बाद एक हजार साल तक उन्होंने केवल बेलपत्र के टूटे हुए पत्ते खाएं

इसके पश्चात मां ब्रह्मचारिणी ने अन्न और जल का त्याग दिया और अगले एक हजार वर्षों तक जीवित रहीं। देवी पार्वती के समर्पण को देखने के बाद सभी देवताओं और सप्तर्षियों ने उन्हें भगवान शिव से शादी करने का आशीर्वाद दिया और उनका नाम अपर्णा रखा।

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा से मिलते हैं ये लाभ

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से साधक को शक्ति, बुद्धि और ज्ञान का आशीर्वाद मिलता है। मां ब्रह्मचारिणी दुर्गा देवी के सबसे शांत और सुंदर रूपों में से एक है।

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