God Krishna: ज्येष्ठ माह की अष्टमी पर करें भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का मंत्र जप, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम
वैष्णव समाज के अनुयायी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। न्याय के देवता शनिदेव के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण हैं। इसके लिए ज्योतिष भी कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने की सलाह देते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 29 May 2024 04:22 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Masik Krishna Janmashtami 2024: सनातन पंचांग के अनुसार, 30 मई को मासिक कृष्ण जन्माष्टमी है। यह पर्व हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस प्रकार ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी 30 मई को है। इस दिन विधि-विधान से जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा रानी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही वैष्णव समाज के अनुयायी मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भी रखते हैं। धार्मिक मत है कि भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही यश, कीर्ति, सुख-समृद्धि और धन-वैभव में वृद्धि होती है।
न्याय के देवता शनिदेव के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण हैं। इसके लिए ज्योतिष भी कुंडली में अशुभ ग्रहों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने की सलाह देते हैं। राहु और केतु के प्रभाव तत्काल से समाप्त हो जाते हैं। वहीं, कृष्णजी की भक्ति करने से न्याय के देवता शनिदेव प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से जातक के जीवन में व्याप्त आर्थिक विषमता दूर होती है। अगर आप भी जीवन में व्याप्त दुख और संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो मासिक कृष्ण जन्माष्टमी पर विधिपूर्वक भगवान श्रीकृष्ण संग श्रीजी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय भगवान श्रीकृष्ण के 108 नामों का मंत्र जप अवश्य करें।
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1. ॐ कृष्णाय नमः2. ॐ कमलानाथाय नमः3. ॐ वासुदेवाय नमः4. ॐ सनातनाय नमः5. ॐ वसुदेवात्मजाय नमः6. ॐ पुण्याय नमः7. ॐ लीलामानुष विग्रहाय नमः8. ॐ श्रीवत्सकौस्तुभधराय नमः9. ॐ यशोदावत्सलाय नमः10. ॐ हरिये नमः11. ॐ चतुर्भुजात्तचक्रासिगदा नमः12. ॐ शङ्खाम्बुजायुधाय नमः13. ॐ देवकीनन्दनाय नमः14. ॐ श्रीशाय नमः
15. ॐ नन्दगोपप्रियात्मजाय नमः16. ॐ यमुनावेगसंहारिणे नमः17. ॐ बलभद्रप्रियानुजाय नमः18. ॐ पूतनाजीवितहराय नमः19. ॐ शकटासुरभञ्जनाय नमः20. ॐ नन्दव्रजजनानन्दिने नमः21. ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः22. ॐ नवनीतविलिप्ताङ्गाय नमः23. ॐ नवनीतनटनाय नमः24. ॐ मुचुकुन्दप्रसादकाय नमः25. ॐ षोडशस्त्रीसहस्रेशाय नमः26. ॐ त्रिभङ्गिने नमः
27. ॐ मधुराकृतये नमः28. ॐ शुकवागमृताब्धीन्दवे नमः29. ॐ गोविन्दाय नमः30. ॐ योगिनांपतये नमः31. ॐ वत्सवाटचराय नमः32. ॐ अनन्ताय नमः33. ॐ धेनुकासुरभञ्जनाय नमः34. ॐ तृणीकृत तृणावर्ताय नमः35. ॐ यमलार्जुनभञ्जनाय नमः36. ॐ उत्तलोत्तालभेत्रे नमः37. ॐ तमालश्यामलाकृतिये नमः38. ॐ गोपगोपीश्वराय नमः39. ॐ योगिने नमः
40. ॐ कोटिसूर्यसमप्रभाय नमः41. ॐ इलापतये नमः42. ॐ परंज्योतिषे नमः43. ॐ यादवेंद्राय नमः44. ॐ यदूद्वहाय नमः45. ॐ वनमालिने नमः46. ॐ पीतवसने नमः47. ॐ पारिजातापहारकाय नमः48. ॐ गोवर्थनाचलोद्धर्त्रे नमः49. ॐ गोपालाय नमः50. ॐ सर्वपालकाय नमः51. ॐ अजाय नमः52. ॐ निरञ्जनाय नमः53. ॐ कामजनकाय नमः54. ॐ कञ्जलोचनाय नमः
55. ॐ मधुघ्ने नमः56. ॐ मथुरानाथाय नमः57. ॐ द्वारकानायकाय नमः58. ॐ बलिने नमः59. ॐ बृन्दावनान्त सञ्चारिणे नमः60. ॐ तुलसीदाम भूषनाय नमः61. ॐ स्यमन्तकमणेर्हर्त्रे नमः62. ॐ नरनारयणात्मकाय नमः63. ॐ कुब्जा कृष्णाम्बरधराय नमः64. ॐ मायिने नमः65. ॐ परमपुरुषाय नमः66. ॐ मुष्टिकासुर चाणूर मल्लयुद्ध विशारदाय नमः
67. ॐ संसारवैरिणे नमः68. ॐ कंसारये नमः69. ॐ मुरारये नमः70. ॐ नाराकान्तकाय नमः71. ॐ अनादि ब्रह्मचारिणे नमः72. ॐ कृष्णाव्यसन कर्शकाय नमः73. ॐ शिशुपालशिरश्छेत्रे नमः74. ॐ दुर्योधनकुलान्तकाय नमः75. ॐ विदुराक्रूर वरदाय नमः76. ॐ विश्वरूपप्रदर्शकाय नमः77. ॐ सत्यवाचे नमः78. ॐ सत्य सङ्कल्पाय नमः79. ॐ सत्यभामारताय नमः
80. ॐ जयिने नमः81. ॐ सुभद्रा पूर्वजाय नमः82. ॐ विष्णवे नमः83. ॐ भीष्ममुक्ति प्रदायकाय नमः84. ॐ जगद्गुरवे नमः85. ॐ जगन्नाथाय नमः86. ॐ वेणुनाद विशारदाय नमः87. ॐ वृषभासुर विध्वंसिने नमः88. ॐ बाणासुर करान्तकाय नमः89. ॐ युधिष्ठिर प्रतिष्ठात्रे नमः90. ॐ बर्हिबर्हावतंसकाय नमः91. ॐ पार्थसारथये नमः92. ॐ अव्यक्ताय नमः93. ॐ गीतामृत महोदधये नमः94. ॐ कालीय फणिमाणिक्य रञ्जित श्री पदाम्बुजाय नमः95. ॐ दामोदराय नमः96. ॐ यज्ञभोक्त्रे नमः97. ॐ दानवेन्द्र विनाशकाय नमः98. ॐ नारायणाय नमः99. ॐ परब्रह्मणे नमः100. ॐ पन्नगाशन वाहनाय नमः101. ॐ जलक्रीडा समासक्त गोपीवस्त्रापहाराकाय नमः102. ॐ पुण्य श्लोकाय नमः103. ॐ तीर्थकृते नमः104. ॐ वेदवेद्याय नमः105. ॐ दयानिधये नमः106. ॐ सर्वभूतात्मकाय नमः107. ॐ सर्वग्रह रुपिणे नमः108. ॐ परात्पराय नमःयह भी पढ़ें: शुक्रवार के दिन पूजा के समय करें इस चमत्कारी स्तोत्र का पाठ, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।