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Benefits of Chanting Mantras: पाना चाहते हैं मानसिक और शारीरिक पीड़ा से निजात, तो इन मंत्रों का जरूर करें जाप

Benefits of Chanting Mantras कुछ लोग कामों के तले मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं तो कुछ लोग शारीरिक कष्ट से परेशान हैं। इसके लिए चिकित्स्क से अवश्य सलाह लें। साथ ही मानसिक और शारीरिक कष्टों के प्रभाव को कम करने के लिए इन 3 मंत्रों का जाप रोजाना करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 09 Apr 2023 12:57 PM (IST)
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Benefits of Chanting Mantras: पाना चाहते हैं मानसिक और शारीरिक पीड़ा से निजात, तो इन मंत्रों का जरूर करें जाप

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Benefits of Chanting Mantras: आधुनिक समय में लोगों की जीवनशैली में व्यापक बदलाव है। लोग धन अर्जन हेतु कठिन परिश्रम करते हैं। इस दौरान गलत खानपान और खराब दिनचर्या की वजह से उनकी मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। कुछ लोग कामों के तले मानसिक तनाव से ग्रस्त हैं, तो कुछ लोग शारीरिक कष्ट से परेशान हैं। इसके लिए चिकित्स्क से अवश्य सलाह लें। साथ ही मानसिक और शारीरिक कष्टों के प्रभाव को कम करने के लिए इन 3 मंत्रों का जाप रोजाना करें। धार्मिक मान्यता है कि इन मंत्रों के जाप से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक कष्ट से निजात मिलता है। आइए जानते हैं-

1.

‘क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क’

अगर आप शारीरिक समस्याओं से पीड़ित हैं और इससे निजात पाना चाहते हैं, तो निम्न मंत्र का जाप करें। इस मंत्र जाप के लिए उत्तम दिशा उत्तर है। आसान शब्दों में कहें तो उत्तर दिशा में मुख करके उपरोक्त मंत्र का जाप करें। इसके लिए पूजा के समय देवों के देव महादेव के समक्ष दीपक प्रज्वलित कर रूद्राक्ष की माला से एक माला जप करें। इस मंत्र जाप से व्यक्ति को शारीरिक कष्टों से निजात मिलता है।

2.

क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्।

हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं’

शास्त्र की मानें तो उपरोक्त मंत्र के जाप से हृदय रोग में फायदा मिलता है। इस मंत्र के जाप से हृदय स्वस्थ रहता है। साथ ही सही से कार्य करता है। इसके लिए रोजाना सुबह में स्नान-ध्यान और पूजा करने के पश्चात निम्न मंत्र का जाप करें। ऋग्वेद में इस मंत्र का उल्लेख है।

3.

देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं।

रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।

अगर आप मानसिक और शारीरिक कष्ट से परेशान हैं और इसके प्रभाव को कम करना चाहते हैं, तो दुर्गासप्तशती में वर्णित मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से शारीरिक पीड़ा से मुक्ति मिलती है। इसके लिए रोजाना स्नान ध्यान से निवृत होकर पूजा के समय मां आदिशक्ति के समक्ष उपरोक्त मंत्र का 108 बार जाप करें। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति निरोग रहता है। वहीं, मानसिक तनाव से भी निजात मिलता है।

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