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Ram Mantra: मंगलवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, प्राप्त होगा हनुमान जी का आशीर्वाद

Ram Mantra धार्मिक मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। साथ ही मांगलिक दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं। इससे हनुमान जी की कृपा साधक पर बरसती है। हनुमान जी की कृपा पाने के लिए पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 17 Jul 2023 03:12 PM (IST)
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Ram Mantra: मंगलवार के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जाप, प्राप्त होगा हनुमान जी का आशीर्वाद
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Ram Mantra: मंगलवार का दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान श्रीराम संग हनुमान जी की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही विशेष कार्य में सिद्धि प्राप्ति हेतु व्रत उपवास रखा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा-उपासना करने से कुंडली में मंगल मजबूत होता है। साथ ही मांगलिक दोष का प्रभाव समाप्त हो जाता है। अतः साधक श्रद्धा भाव से मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करते हैं। इससे हनुमान जी की कृपा साधक पर बरसती है। अगर आप भी हनुमान जी की कृपा दृष्टि पाना चाहते हैं, तो मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें। आइए, इन मंत्रों के बारे में जानते हैं-

राम जी के मंत्र

राम मूल मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं रां रामाय नमः॥

राम मंत्र

हुं जानकी वल्लभाय स्वाहा ।

राम तारक मंत्र

ॐ जानकीकांत तारक रां रामाय नमः॥

राम ध्यान मंत्र

ॐ आपदामप हर्तारम दातारं सर्व सम्पदाम ,

लोकाभिरामं श्री रामं भूयो भूयो नामाम्यहम !

श्री रामाय रामभद्राय रामचन्द्राय वेधसे,

रघुनाथाय नाथाय सीताया पतये नमः !

राम गायत्री मंत्र

ॐ दाशरथये विद्महे जानकी वल्लभाय धी महि तन्नो रामः प्रचोदयात् ॥

सुख प्राप्ति हेतु मंत्र

राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

सहस्त्र नाम तत्तुन्यं राम नाम वरानने ।।

सफलता प्राप्ति राम मंत्र

ॐ राम ॐ राम ॐ राम ।

ह्रीं राम ह्रीं राम ।

श्रीं राम श्रीं राम ।

क्लीं राम क्लीं राम।

फ़ट् राम फ़ट्।

रामाय नमः ।

श्री रामचन्द्राय नमः ।

श्री राम शरणं मम् ।

ॐ रामाय हुँ फ़ट् स्वाहा ।

श्री राम जय राम जय जय राम ।

राम राम राम राम रामाय राम ।

ॐ श्री रामचन्द्राय नम :

रामाष्टक

सुग्रीवमित्रं परमं पवित्रं सीताकलत्रं नवमेघगात्रम् ।

कारुण्यपात्रं शतपत्रनेत्रं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

संसारसारं निगमप्रचारं धर्मावतारं हृतभूमिभारम् ।

सदाविकारं सुखसिन्धुसारं श्रीरामचद्रं सततं नमामि ॥

लक्ष्मीविलासं जगतां निवासं लङ्काविनाशं भुवनप्रकाशम् ।

भूदेववासं शरदिन्दुहासं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

मन्दारमालं वचने रसालं गुणैर्विशालं हतसप्ततालम् ।

क्रव्यादकालं सुरलोकपालं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

वेदान्तगानं सकलैः समानं हृतारिमानं त्रिदशप्रधानम् ।

गजेन्द्रयानं विगतावसानं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

श्यामाभिरामं नयनाभिरामं गुणाभिरामं वचनाभिरामम् ।

विश्वप्रणामं कृतभक्तकामं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

लीलाशरीरं रणरङ्गधीरं विश्वैकसारं रघुवंशहारम् ।

गम्भीरनादं जितसर्ववादं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

खले कृतान्तं स्वजने विनीतं सामोपगीतं मनसा प्रतीतम् ।

रागेण गीतं वचनादतीतं श्रीरामचन्द्रं सततं नमामि ॥

श्रीरामचन्द्रस्य वराष्टकं त्वां मयेरितं देवि मनोहरं ये ।

पठन्ति शृण्वन्ति गृणन्ति भक्त्या ते स्वीयकामान् प्रलभन्ति नित्यम् ॥

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'