Guru Purnima 2023: गुरु पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप, सभी दुख और संकट हो जाएंगे दूर
Guru Purnima 2023 धार्मिक मान्यता है कि गुरु की पूजा और सेवा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही गुरु की कृपा और आशीर्वाद से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। इस दिन साधक श्रद्धा भाव से लक्ष्मी नारयण की पूजा-अर्चना करते हैं। इससे जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 03 Jul 2023 09:26 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Guru Purnima 2023: आज आषाढ़ पूर्णिमा है। सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इसे गुरु पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन वेदों के जनक वेदव्यास जी का जन्म हुआ था। अतः आषाढ़ पूर्णिमा पर महर्षि वेदव्यास जी की भी पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा और सेवा करने से व्यक्ति के जीवन में व्याप्त दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही गुरु के आशीर्वाद से करियर और कारोबार में मन मुताबिक सफलता मिलती है। इस दिन साधक श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं। इससे जगत के पालनहार भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक की सभी मनोकामनएं पूर्ण होती हैं। अगर आप भी भगवान विष्णु की कृपा-दृष्टि पाना चाहते हैं, तो गुरु पूर्णिमा के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। आइए, भगवान विष्णु के मंत्र जानते हैं-
गुरु पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप
गुरू वैदिक मंत्रॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।गुरू गायत्री मंत्र
ॐ अंगिरो जाताय विद्महे वाचस्पतये धीमहि तन्नो गुरु प्रचोदयात्।।विष्णु गायत्री मंत्रॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥विष्णु मंत्रशान्ताकारम् भुजगशयनम् पद्मनाभम् सुरेशम्विश्वाधारम् गगनसदृशम् मेघवर्णम् शुभाङ्गम्।लक्ष्मीकान्तम् कमलनयनम् योगिभिर्ध्यानगम्यम्वन्दे विष्णुम् भवभयहरम् सर्वलोकैकनाथम्॥लक्ष्मी गायत्री मंत्रॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहितन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
कारोबार में तरक्की हेतु मंत्रॐ ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमल धारिण्यै गरूड़ वाहिन्यै श्रीं ऐं नमःतुलसी गायत्री मंत्रऊँ श्री त्रिपुराय विद्महे तुलसी पत्राय धीमहि |तन्नो: तुलसी प्रचोदयात ||तुलसी मंत्रॐ तुलसीदेव्यै च विद्महे,विष्णुप्रियायै च धीमहि,तन्नो वृन्दा प्रचोदयात् ।।धन प्राप्ति हेतु मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।लक्ष्मी स्त्रोतश्रियमुनिन्द्रपद्माक्षीं विष्णुवक्षःस्थलस्थिताम्॥वन्दे पद्ममुखीं देवीं पद्मनाभप्रियाम्यहम्॥डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।