Guruvar Puja Mantra: भगवान विष्णु की पूजा करते समय करें इन मंत्रों का जप, धन से भर जाएगी तिजोरी
धार्मिक मान्यता है कि गुरुवार का व्रत (Guruvar Vrat Benefits) करने से विवाहित स्त्रियां को सुख समृद्धि और अखंड सुहाग की प्राप्ति होती है। वहीं अविवहित लड़कियां की शीघ्र शादी हो जाती है। इसके साथ ही मनचाहा वर भी मिलता है। इसके लिए महिलाएं गुरुवार के दिन भक्ति भाव से भगवान विष्णु संग तुलसी माता की पूजा करती हैं और गुरुवार का व्रत रखती हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 04 Sep 2024 09:36 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। जगत के पालनहार भगवान विष्णु को तुलसी माता अति प्रिय है। तुलसी माता की पूजा करने से भगवान विष्णु यथाशीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा साधक पर बरसती है। उनकी कृपा से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। अतः महिलाएं प्रतिदिन स्नान-ध्यान के बाद तुलसी माता की पूजा करती हैं और संध्याकाल में आरती करती हैं। वहीं, गुरुवार के दिन तुलसी माता की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही गुरुवार का व्रत भी रखा जाता है। अगर आप भी आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं, तो गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja Vidhi) करते समय तुलसी माता के नामों का मंत्र जप अवश्य करें।
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तुलसी माता के नाम
1.ॐ श्री तुलस्यै नमः2.ॐ नन्दिन्यै नमः
3.ॐ देव्यै नमः4.ॐ शिखिन्यै नमः5.ॐ धारिण्यै नमः6.ॐ धात्र्यै नमः7.ॐ सावित्र्यै नमः8.ॐ सत्यसन्धायै नमः9.ॐ कालहारिण्यै नमः10.ॐ गौर्यै नमः11.ॐ देवगीतायै नमः12.ॐ द्रवीयस्यै नमः13.ॐ पद्मिन्यै नमः14.ॐ सीतायै नमः15.ॐ रुक्मिण्यै नमः
16.ॐ प्रियभूषणायै नमः17.ॐ श्रेयस्यै नमः18.ॐ श्रीमत्यै नमः19.ॐ मान्यायै नमः20.ॐ गौर्यै नमः21.ॐ गौतमार्चितायै नमः22.ॐ त्रेतायै नमः23.ॐ त्रिपथगायै नमः24.ॐ त्रिपादायै नमः25.ॐ त्रैमूर्त्यै नमः26.ॐ जगत्रयायै नमः27.ॐ त्रासिन्यै नमः28.ॐ गात्रायै नमः29.ॐ गात्रियायै नमः30.ॐ गर्भवारिण्यै नमः
31.ॐ शोभनायै नमः32.ॐ समायै नमः33.ॐ द्विरदायै नमः34.ॐ आराद्यै नमः35.ॐ यज्ञविद्यायै नमः36.ॐ महाविद्यायै नमः37.ॐ गुह्यविद्यायै नमः38.ॐ कामाक्ष्यै नमः39.ॐ कुलायै नमः40.ॐ श्रीयै नमः41.ॐ भूम्यै नमः42.ॐ भवित्र्यै नमः43.ॐ सावित्र्यै नमः44.ॐ सरवेदविदाम्वरायै नमः45.ॐ शंखिन्यै नमः46.ॐ चक्रिण्यै नमः
47.ॐ चारिण्यै नमः48.ॐ चपलेक्षणायै नमः49.ॐ पीताम्बरायै नमः50.ॐ प्रोत सोमायै नमः51.ॐ सौरसायै नमः52.ॐ अक्षिण्यै नमः53.ॐ अम्बायै नमः54.ॐ सरस्वत्यै नमः55.ॐ सम्श्रयायै नमः56.ॐ सर्व देवत्यै नमः57.ॐ विश्वाश्रयायै नमः58.ॐ सुगन्धिन्यै नमः59.ॐ सुवासनायै नमः60.ॐ वरदायै नमः61.ॐ सुश्रोण्यै नमः
62.ॐ चन्द्रभागायै नमः63.ॐ यमुनाप्रियायै नमः64.ॐ कावेर्यै नमः65.ॐ मणिकर्णिकायै नमः66.ॐ अर्चिन्यै नमः67.ॐ स्थायिन्यै नमः68.ॐ दानप्रदायै नमः69.ॐ धनवत्यै नमः70.ॐ सोच्यमानसायै नमः71.ॐ शुचिन्यै नमः72.ॐ श्रेयस्यै नमः73.ॐ प्रीतिचिन्तेक्षण्यै नमः74.ॐ विभूत्यै नमः75.ॐ आकृत्यै नमः76.ॐ आविर्भूत्यै नमः
77.ॐ प्रभाविन्यै नमः78.ॐ गन्धिन्यै नमः79.ॐ स्वर्गिन्यै नमः80.ॐ गदायै नमः81.ॐ वेद्यायै नमः82.ॐ प्रभायै नमः83.ॐ सारस्यै नमः84.ॐ सरसिवासायै नमः85.ॐ सरस्वत्यै नमः86.ॐ शरावत्यै नमः87.ॐ रसिन्यै नमः88.ॐ काळिन्यै नमः89.ॐ श्रेयोवत्यै नमः90.ॐ यामायै नमः91.ॐ ब्रह्मप्रियायै नमः92.ॐ श्यामसुन्दरायै नमः
93.ॐ रत्नरूपिण्यै नमः94.ॐ शमनिधिन्यै नमः95.ॐ शतानन्दायै नमः96.ॐ शतद्युतये नमः97.ॐ शितिकण्ठायै नमः98.ॐ प्रयायै नमः99.ॐ धात्र्यै नमः100.ॐ श्री वृन्दावन्यै नमः101.ॐ कृष्णायै नमः102.ॐ भक्तवत्सलायै नमः103.ॐ गोपिकाक्रीडायै नमः104.ॐ हरायै नमः105.ॐ अमृतरूपिण्यै नमः106.ॐ भूम्यै नमः107.ॐ श्री कृष्णकान्तायै नमः
108.ॐ श्री तुलस्यै नमःयह भी पढ़ें: गणेश चतुर्थी पर करें हरिद्रा गणेश कवच का पाठ, दुख और दरिद्रता होगी दूर अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।