Chhath Puja 2024: छठ पूजा में सूर्य देव को ऐसे करें प्रसन्न, सभी कार्यों में मिलेगी सफलता
प्रत्येक वर्ष कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा (Chhath Puja 2024) का पर्व उत्साह के साथ मनाया जाता है। पूजा के दौरान स्वच्छता और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। मान्यता है कि छठ का व्रत करने से संतानों की रक्षा होती है क्योंकि छठी मैया को संतानों की रक्षा करने वाली देवी माना जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म मे छठ पूजा के पर्व को बहुत पवित्र त्योहार माना गया है। इस उत्सव को 4 दिनों तक मनाया जाता है। इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मान्यता है कि सूर्य देव पूजा करने से जातक को कार्यों में सफलता प्राप्त होती है और सूर्य देव प्रसन्न होते हैं। अगर आप भी सूर्य देव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो छठ पूजा (Chhath Puja 2024) में सूर्य देव के 108 नामों (Surya Dev Ke 108 Naam) का जप करें। इससे जातक को शुभ फल की प्राप्ति होगी।
।। सूर्य देव के 108 नाम।।
- ॐ अरुणाय नमः
- ॐ शरण्याय नमः
- ॐ करुणारससिन्धवे नमः
- ॐ असमानबलाय नमः
- ॐ आर्तरक्षकाय नमः
- ॐ आदित्याय नमः
- ॐ आदिभूताय नमः
- ॐ अखिलागमवेदिने नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अखिलज्ञाय नमः
- ॐ अनन्ताय नमः
- ॐ इनाय नमः
- ॐ विश्वरूपाय नमः
- ॐ इज्याय नमः
- ॐ इन्द्राय नमः
- ॐ भानवे नमः
- ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः
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- ॐ वन्दनीयाय नमः
- ॐ ईशाय नमः
- ॐ सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ सुशीलाय नमः
- ॐ सुवर्चसे नमः
- ॐ वसुप्रदाय नमः
- ॐ वसवे नमः
- ॐ वासुदेवाय नमः
- ॐ उज्ज्वल नमः
- ॐ उग्ररूपाय नमः
पंचांग के अनुसार, छठ पूजा की शुरुआत कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी 05 नवंबर (Kab Hai Chhath Puja 2024) से हो रही है। वहीं, इसका समापन अष्टमी तिथि यानी 08 नवंबर को होगा। इस दौरान छठी मैया और सूर्य देव की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाएगी।
- ॐ ऊर्ध्वगाय नमः
- ॐ विवस्वते नमः
- ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
- ॐ हृषीकेशाय नमः
- ॐ ऊर्जस्वलाय नमः
- ॐ वीराय नमः
- ॐ निर्जराय नमः
- ॐ जयाय नमः
- ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः
- ॐ ऋषिवन्द्याय नमः
- ॐ रुग्घन्त्रे नमः
- ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः
- ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः
- ॐ नित्यस्तुत्याय नमः
- ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः
- ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः
- ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
- ॐ पुष्कराक्षाय नमः
- ॐ लुप्तदन्ताय नमः
- ॐ शान्ताय नमः
- ॐ कान्तिदाय नमः
- ॐ घनाय नमः
- ॐ कनत्कनकभूषाय नमः
- ॐ खद्योताय नमः
- ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः
- ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः
- ॐ अपवर्गप्रदाय नमः
- ॐ आर्तशरण्याय नमः
- ॐ एकाकिने नमः
- ॐ भगवते नमः
- ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
- ॐ गुणात्मने नमः
- ॐ घृणिभृते नमः
- ॐ बृहते नमः
- ॐ ब्रह्मणे नमः
- ॐ ऐश्वर्यदाय नमः
- ॐ शर्वाय नमः
- ॐ हरिदश्वाय नमः
- ॐ शौरये नमः
- ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः
- ॐ भक्तवश्याय नमः
- ॐ ओजस्कराय नमः
- ॐ जयिने नमः
- ॐ जगदानन्दहेतवे नमः
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- ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः
- ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
- ॐ असुरारये नमः
- ॐ कमनीयकराय नमः
- ॐ अब्जवल्लभाय नमः
- ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः
- ॐ अचिन्त्याय नमः
- ॐ आत्मरूपिणे नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ अमरेशाय नमः
- ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः
- ॐ अहस्कराय नमः
- ॐ रवये नमः
- ॐ हरये नमः
- ॐ परमात्मने नमः
- ॐ तरुणाय नमः
- ॐ वरेण्याय नमः
- ॐ ग्रहाणांपतये नमः
- ॐ भास्कराय नमः
- ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः
- ॐ सौख्यप्रदाय नमः
- ॐ सकलजगतांपतये नमः
- ॐ सूर्याय नमः
- ॐ कवये नमः
- ॐ नारायणाय नमः
- ॐ परेशाय नमः
- ॐ तेजोरूपाय नमः
- ॐ हिरण्यगर्भाय नमः
- ॐ सम्पत्कराय नमः
- ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः
- ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः
- ॐ श्रीमते नमः
- ॐ श्रेयसे नमः
- ॐ सौख्यदायिने नमः
- ॐ दीप्तमूर्तये नमः
- ॐ निखिलागमवेद्याय नमः
- ॐ नित्यानन्दाय नमः