Move to Jagran APP

Kartik Chhath Puja 2019 Date: आज से सूर्य की उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत, इसके हैं चार अहम पड़ाव

Kartik Chhath Puja 2019 Date सूर्य देव और छठी मैया की पूजा को समर्पित छठ महापर्व का प्रारंभ आज से हो गया है।

By Kartikey TiwariEdited By: Updated: Thu, 31 Oct 2019 08:52 AM (IST)
Hero Image
Kartik Chhath Puja 2019 Date: आज से सूर्य की उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत, इसके हैं चार अहम पड़ाव
Kartik Chhath Puja 2019 Date: सूर्य की उपासना का महापर्व छठ की शुरुआत आज से हो गई है, जो 02 नवंबर दिन शनिवार तक चलेगा। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि के सूर्योदय तक छठ पूजा का पर्व चलता है। मुख्य तौर पर कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठी मैया की पूजा होती है। छठ पर्व दिवाली के 6 दिन बाद मनाया जाता है। छठ पूजा में विशेष तौर पर सूर्य और छठ मैया की पूजा की जाती है। उनकी पूजा से संतान प्राप्ति, संतान की रक्षा और सुख समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है। छठ मैया को सूर्य देव की बहन माना जाता है।

चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व मुख्य तौर पर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। हालांकि अब इन क्षेत्रों के लोगों के देश के अन्य हिस्सों में रहने के कारण दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े महानगरों में भी छठ पूजा की धूम देखने को मिलती है।

छठ पूजा में मुख्यत: चार पड़ाव होते हैं—

पहला दिन: नहाय खाय

दूसरा​ दिन: खरना और लोहंडा

तीसरा दिन: संध्या अर्घ्य

चौथा दिन: ऊषा अर्घ्य, पारण का दिन

नहाय खाय- पंचांग के अनुसार, इस वर्ष नहाय खाय 31 अक्टूबर दिन गुरुवार को है। जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को होता है।

खरना और लोहंडा- इस वर्ष खरना और लोहंडा 01 नवंबर दिन शुक्रवार को है। जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को होता है।

Chhath Puja Samagri: पहली बार रखना है छठ पूजा का व्रत, तो इन सामग्रियों को लेना न भूलें

संध्या अर्घ्य- इस वर्ष डूबते सूर्य को दिया जाने वाला संध्या अर्घ्य 02 नवंबर दिन शनिवार को है। जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को होता है। इसी दिन छठी मैया की विशेष पूजा भी होती है।

ऊषा अर्घ्य और पारण- इस वर्ष छठ पर्व में ऊषा अर्घ्य और पारण 03 नवंबर दिन रविवार को है, जो कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को होता है। इस दिन माताएं पारण कर व्रत पूर्ण करती हैं।

छठ पूजा के चारों दिनों व्रती के घर में भजन और लोकगीत गाए जाते हैं। मुख्यत: यह व्रत महिलाएं ही रखती हैं, लेकिन पुरुष भी यह व्रत रख सकते हैं। कठिन नियम और सयंम से व्रत पूर्ण करने पर संतान प्राप्ति और संतान की कुशलता का वरदान प्राप्त होता है। मनोवांछित कार्यों की सफलता के लिए पुरुष भी छठ मैया का व्रत रखते हैं।