Choti Diwali 2023: छोटी दिवाली पर हनुमान जी की पूजा से प्राप्त होती है सुरक्षा, जानिए शुभ मुहूर्त और विधि
Choti Diwali Hanuman Puja दिवाली से एक दिन पूर्व यानी छोटी दिवाली के दिन हनुमान जी की पूजा का भी विधान है। कई लोग इस दिन को हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। पंचांग के अनुसार हनुमान पूजा तथा काली चौदस एक ही दिन मनाए जाते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं हनुमान जी की पूजा का मुहूर्त और विधि।
नई दिल्ली, अध्यात्म। Hanuman ji Puja vidhi: हनुमान जी श्री राम के परम भक्त हैं। मान्यताओं के अनुसार हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है। एक चौत्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन और दूसरी कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन। छोटी दिवाली के दिन ही अयोध्या के प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मन्दिर में श्री हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इसलिए की जाती है हनुमान पूजा
यह माना जाता है कि काली चौदस यानी छोटी दिवाली की रात को प्रेत आत्माएं या सर्वाधिक शक्तिशाली होती हैं। अतः सभी प्रकार की बुरी आत्माओं से सुरक्षा के लिए इस रात हनुमान जी की पूजा की जाती है। वहीं अन्य मान्यताओं के अनुसार भगवान राम ने हनुमान जी को यह वरदान दिया था कि मुझसे पहले तुम्हारा स्मरण किया जाएगा, इसलिए दिवाली से एक दिन पहले हनुमान जी की पूजा करने के एक कारण यह भी है।
हनुमान पूजा शुभ मुहूर्त (Hanuman Puja Shubh Muhruat)
कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर शाम 01 बजकर 57 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं, इसका समापन 12 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में दीपावली पर हनुमान पूजा का शुभ मूहूर्त 11 नवंबर रात्रि 11 बजकर 39 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
हनुमान जी पूजा विधि (Hanuman ji Puja vidhi)
छोटी दिवाली के दिन रात्रि में सर्वप्रथम पूजा स्थान पर एक लाल रंग का आसन रखें और उस पर हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इस दौरान ध्यान रखें कि हनुमान जी की प्रतिमा राम दरबार के नीचे होनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा के दौरान उन्हें लाल सिंदूर जरूर अर्पित करें। हनुमान जी की पूजा करने से पहले श्री राम के नाम का जाप करें। ऐसा करने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं। भोग के रूप में आप हनुमान जी को मोती चूर के लड्डू अर्पित कर सकते हैं।
डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'