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Dhanteras Kuber Puja: धनतेरस पर इस मंत्र से करें कुबेर को प्रसन्न, धन-वैभव से भर जाएगा घर

Dhanteras Kuber Puja धनतेरस के दिन देवताओं के वैद्य धनवन्तरि और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। मृत्यु के देवता यमराज के लिए यम दीपक जलाया जाता है।

By kartikey.tiwariEdited By: Updated: Fri, 25 Oct 2019 08:54 AM (IST)
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Dhanteras Kuber Puja: धनतेरस पर इस मंत्र से करें कुबेर को प्रसन्न, धन-वैभव से भर जाएगा घर
Dhanteras 2019 Kuber Puja: धनतेरस के दिन देवताओं के वैद्य धनवन्तरि और धन के देवता कुबेर की पूजा होती है। मृत्यु के देवता यमराज के लिए यम दीपक जलाया जाता है। धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को होता है, इसलिए इसे धन त्रयोदशी भी कहा जाता है। भगवान शिव से कुबेर को धनपति होने का वरदान प्राप्त है और वे भगवान शिव के परम सेवक भी हैं। भगवान शिव से वरदान प्राप्त होने के कारण पृथ्वी की संपूर्ण धन और संपदा के मालिक हैं। इस कारण से धन त्रयोदशी के दिन विधि विधान से पूजा करके कुबेर को प्रसन्न किया जाता है।

लक्ष्मी हैं चंचला, कुबेर स्थिर

धनतेरस को कुबरे की पूजा करने के पीछे एक कारण यह भी है कि कुबरे का धन स्थिर माना जाता है, जबकि माता लक्ष्मी से प्राप्त धन स्थिर नहीं होता है, इसलिए वह चंचला भी कही जाती हैं। कुबेर से प्राप्त धन स्थिर होता है, इसलिए धनतेरस को इनकी पूजा करने से घर धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है।

ऐसा है कुबेर का स्वरूप

ऐसी मान्यता है कि कुबेर कुरूप हैं। उनके 3 पैर और 8 दांत हैं। बेडौल और मोटी काया के कारण इनको राक्षस भी कहा गया है। इनको यक्ष भी कहा जाता है। यक्ष धन का रक्षक माना जाता है, इसलिए खजानों या मंदिरों के बाहर कुबेर की प्रतिमाएं लगाई हुई मिलती हैं।

रावण के सौतेले भाई थे कुबरे

कुबरे रावण के सौतेले भाई थे। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार, कुबेर का दूसरा नाम वैश्रवण है। वह महर्षि विश्रवा और महामुनि भरद्वाज की पुत्री इड़विड़ा के बेटे थे। विश्रवा की दूसरी पत्नी कैकसी से रावण, कुंभकर्ण व विभीषण का जन्म हुआ था।

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कुबेर मंत्र और पूजा

धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त में पूजा स्थान पर कुबरे की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। य​दि ऐसा संभव न हो तो अपनी तिजोरी को कुबेर मानकर पूजा करें। कुबेर खजाने के प्रतीक माने जाते हैं। फिर कुबेर मंत्र का जाप करें और अंत में विधि पूर्वक आरती करें।

ओम श्रीं, ओम ह्रीं श्रीं, ओम ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम:।

धनतेरस को यम दीपक जलाए

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को घर से बाहर यम दीपक जलाया जाता है, जो मृत्यु के देवता यमराज को समर्पित होता है। परिवार के सदस्यों को असामयिक मृत्यु से बचाने के लिए ऐसा करते हैं।