Dhanteras 2024 Mantra: धनतेरस पर करें भगवान धन्वंतरि के नामों का मंत्र जप, दूर हो जाएंगे सभी संकट
सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु और तुलसी माता परिणय सूत्र में बंधे थे। इसके लिए कार्तिक माह में तुलसी विवाह मनाया जाता है। वहीं कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को धनतेरस (Dhanteras 2024) मनाया जाता है। जबकि कार्तिक अमावस्या को दीवाली मनाई जाती है। धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 28 Oct 2024 10:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 29 अक्टूबर को धनतेरस है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर अवतरित हुए थे। इसके लिए हर वर्ष कार्तिक महीने में धनतेरस मनाया जाता है। भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं। अगर आप भी भगवान धन्वंतरि की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो धनतेरस के दिन भक्ति भाव से धन्वंतरि जी की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय राशि अनुसार मंत्रों का जप करें।
भगवान धन्वंतरि के नाम
- ॐ श्रीमते नमः
- ॐ धन्वन्तरये नमः
- ॐ देवाय नमः
- ॐ शुचये नमः
- ॐ सर्वाश्चर्यमयाय नमः
- ॐ धामरूपिणे नमः
- ॐ परबलार्दनाय नमः
- ॐ नित्याय नमः
- ॐ सर्वेश्वराय नमः
- ॐ सत्याय नमः
- ॐ सत्यनिष्ठाय नमः
- ॐ परात्पराय नमः
- ॐ चतुर्भुजाय नमः
- ॐ प्रसन्नात्मने नमः
- ॐ सर्वविघ्न-निवारकाय नमः
- ॐ कामदाय नमः
- ॐ करुणासिन्धवे न
- ॐ कमलाकामुकाय नमः
- ॐ परस्मै नमः
- ॐ पुरुष्टुताय नमः
- ॐ पुण्यकीर्तये नमः
- ॐ क्रतुभुजे नमः
- ॐ जनार्दनाय नमः
- ॐ भगवते नमः
- ॐ भक्तवत्सलाय नमः
- ॐ दरस्मिताय नमः
- ॐ सुरोत्तमाय नमः
- ॐ सर्वशक्तिमयाय नमः
- ॐ अनन्ताय नमः
- ॐ सर्वसाक्षिणे नमः
- ॐ दामोदराय नमः
- ॐ सर्वज्ञाय नमः
- ॐ सर्वदाय नमः
- ॐ सत्यवाचे नमः
- ॐ सत्यविक्रमाय नमः
- ॐ शिपिविष्टाय नमः
- ॐ परन्धाम्ने नमः
- ॐ शान्ताय नमः
- ॐ उदाराय नमः
- ॐ सनातनाय नमः
- ॐ प्रियव्रताय नमः
- ॐ नारसिंहाय नमः
- ॐ कमठाय नमः
- ॐ अव्ययाय नमः
- ॐ सुधाप्रदाय नमः
- ॐ भैषज्य-कराय नमः
- ॐ रामाय नमः
- ॐ कृतिने नमः
- ॐ कामदुहे नमः
- ॐ भक्तपालकाय नमः
- ॐ वीर्यवते नमः
- ॐ देवदेवाय नमः
- ॐ जगन्नाथाय नमः
- ॐ दक्षाय नमः
- ॐ प्राणदाय नमः
- ॐ प्राणरूपाय नमः
- ॐ प्रणतार्तिहराय नमः
- ॐ अच्युताय नमः
- ॐ प्रियोपदेशकाय नमः
- ॐ श्रीदाय नमः
- ॐ श्रीमयाय नमः
- ॐ श्रीनिकेतनाय नमः
- ॐ आयुर्वेद-प्रवक्त्रे नमः
- ॐ धन्विने नमः
- ॐ हरये नमः
- ॐ कर्त्रे नमः
- ॐ कारयित्रे नमः
- ॐ प्रज्ञारूपाय नमः
- ॐ सर्वजीवेश्वराय नमः
- ॐ जिष्णवे नमः
- ॐ भृश-व्यूहात्मकाय नमः
- ॐ अभवाय नमः
- ॐ अब्जारुहाय नमः
- ॐ सहस्राक्षाय नमः
- ॐ राजेन्द्राय नमः
- ॐ सुभोगभाजे नमः
- ॐ सर्वार्थाय नमः
- ॐ सर्वसाधकाय नमः
- ॐ लोककृते नमः
- ॐ लोकेशाय नमः
- ॐ पावनाय नमः
- ॐ पापसंहर्त्रे नमः
- ॐ लोकपावनाय नमः
- ॐ कोदण्डिने नमः
- ॐ शुद्धाय नमः
- ॐ अनन्तदृष्टये नमः
- ॐ लोकातीताय नमः
- ॐ पुण्यकीर्तये नमः
- ॐ लोकनाथाय नमः
- ॐ निवृत्तात्मने नमः
- ॐ धीरोदात्ताय नमः
- ॐ माननीयाय नमः
- ॐ प्रतापवते नमः
- ॐ सुकीर्तिमते नमः
- ॐ सुभगाय नमः
- ॐ सुन्दराय नमः
- ॐ सुप्रतापाय नमः
- ॐ त्रिगुणाय नमः
- ॐ त्रिगुणात्मकाय नमः
- ॐ लोकात्मने नमः
- ॐ अर्चारूपाय नमः
- ॐ त्रिविक्रमाय नमः
- ॐ महातेजसे नमः
- ॐ धर्मपरायणाय नमः
- ॐ जितक्रोधाय नमः
- ॐ जगत्प्रियाय नमः
- ॐ सर्वात्मने नमः
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