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Diwali 2022: माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते समय जरूर रखें इन नियमों का ध्यान

Diwali 2022 हिन्दू धर्म में दिवाली पर्व का बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन शास्त्रों में बताए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Wed, 19 Oct 2022 01:04 PM (IST)
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दिवाली 2022: दिवाली के दिन रखें इन खास बातों का ध्यान।
नई दिल्ली, डिजिटल डेस्क | Diwali 2022: कार्तिक मास को सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस महीने में कई महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार रखे जाते हैं। इन्हीं में से एक है दिवाली पर्व जिसे इस वर्ष 24 अक्टूबर 2022 (Diwali 2022 Date) के दिन रखा जाएगा। हिन्दू धर्म में इसे बहुत महत्वपूर्ण पर्वों में गिना जाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा का विधान है। 

शास्त्रों में इस दिन के लिए कुछ विशेष नियम निर्धारित किए गए हैं जिनका पालन करना अनिवार्य माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि अनजाने में हुई गलती से माता लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और अपने भक्तों के घर लौट जाती हैं। आइए जानते हैं-

दिवाली के दिन पूजा के दौरान रखें इन बातों का ध्यान (Diwali 2022 Niyam)

  • दिवाली के दिन साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। ऐसा इसलिए क्योंकि जहां साफ-सफाई होती है वहां माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए सुबह उठते ही पूजा-स्थल और फिर घर की अच्छे से सफाई करें। फिर शाम की पूजा से पहले भी सफाई कर लें।

  • पूजा के दौरान माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की छोटी मूर्ति का इस्तेमाल करें। अगर सम्भव हो तो अंगूठे के बराबर मूर्तियां घर लेकर आएं।

  • इस विशेष अवसर पर माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर के द्वार के पास रंगोली बनाएं। हल्दी, आटा, रोली और फूल इत्यादि का प्रयोग कर रंगोली बनाने से विशेष लाभ होता है। इसके साथ मुख्य द्वार पर आम के पत्ते और फूलों से बनें वन्दनवार लगाएं।

  • दिवाली की रात माता लक्ष्मी और भगवान गणेश के साथ-साथ धन देवता कुबेर की भी पूजा जरूर करें। इसके साथ इस श्रीयंत्र की पूजा और श्रीसूक्त का पाठ करना ना भूलें। साथ ही इस दिन सभी देवी-देवताओं के लिए एक दीप प्रज्वलित करें।

  • माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान उन्हें पीली कौड़ियां, गन्ना आदि जरूर अर्पित करें। इसके साथ इस दिन 'ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:' मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।