Diwali 2023: दिवाली के दिन कर रहे हैं व्रत, तो जरूर पढ़ें ये कथा, साथ ही जानें पूजा विधि
Diwali Puja 2023 हर साल कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर दिवाली का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार रोशनी का त्योहार है। आज देशभर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया जा रहा है। कई साधक दिवाली के दिन व्रत भी करते हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं दिवाली की व्रत कथा और पूजा विधि।
By Suman SainiEdited By: Suman SainiUpdated: Sun, 12 Nov 2023 09:06 AM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Diwali vrat 2023: हिंदू धर्म में दीपावली का त्योहार बहुत-ही विशेष महत्व रखता है। इस साल दिवाली का पर्व आज यानी 12 नवंबर 2023 को मनाया जा रहा है। मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर मां लक्ष्मी गणेश जी की पूजा करने से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
दिवाली व्रत कथा (Diwali vrat Katha)
एक गांव में एक साहूकार उसकी पत्नी और उसकी बेटी रहती थे। वह रोजाना पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते थे। इस पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी का निवास था। एक दिन मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा कि मैं तुम पर बहुत प्रसन्न हूं और अपनी सहेली बनाना चाहती हूं। इस पर लड़की ने कहा कि वह अपने माता-पिता से पूछ कर बताएगी। पिता की आज्ञा मांगने पर उन्होंने इस बात पर स्वीकृति दे दी। इसके बाद मां लक्ष्मी और वह लड़की सहेली बन गए। एक दिन मां लक्ष्मी ने उसे अपने यहां भोजन का निमंत्रण दिया। जब लड़की भोजन करने पहुंची तो मां लक्ष्मी मां ने बड़े ही अच्छे तरीके से उसका स्वागत किया और सोने और चांदी के बर्तनों में खाना खिलाया।
इस तरह की स्वागत की तैयारी
इस दौरान उस लड़की ने भी मां लक्ष्मी को अपने घर आने का निमंत्रण दिया, लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। इसलिए वह इस बात को लेकर उदास हो गई कि वह मां लक्ष्मी का स्वागत अच्छे से कैसे कर पाएगी। जब साहूकार ने पाया कि उनकी बेटी उदास है, तब उसने साहूकार को सारी बात बता दी। इस पर साहूकार ने उसे सलाह की वह घर की अच्छे से साफ-सफाई करे, मिट्टी का चौक लगाए, साथ ही मां लक्ष्मी का नाम लेकर चार मुख वाला दिया भी जलाएं। वह लड़की यह सब कर ही रही थी कि इतने में वहां एक चीज आई और किसी रानी का नौलखा हार वहां छोड़ गई। इससे वह लड़की बहुत प्रसन्न हुई और फिर उसे लड़की ने उस हर को बेचकर मां लक्ष्मी के स्वागत और भोजन की तैयारी की। कुछ समय बाद वहां लक्ष्मी जी, गणेश जी के साथ पधारीं। उस लड़की का सेवा भाव देखकर मां लक्ष्मी उससे बहुत ही प्रसन्न हुई और उसने साहूकार के घर को धन-संपत्ति से भर दिया।
व्रत की पूजा विधि
सबसे पहले दिवाली के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके साफ वस्त्र धारण करके पूजा घर की करके अच्छे से साफ-सफाई करें। इसके बाद माता महालक्ष्मी के नाम की ज्योति जलाएं। दिवाली व्रत के दिन फल, दूध सात्विक भोजन का ही सेवन करें। व्रत पूजा के दौरान मां लक्ष्मी जी को रोली, चावल, पान, सुपारी और नारियल अर्पित करें। भोग के रूप में आप मां लक्ष्मी को खील, बतासे और सफेद मिठाई अर्पित करें। घी का दीपक जलाकर पूजा करें। अंत में मां लक्ष्मी जी की आरती करके सभी में प्रसाद वितरित करें।WhatsApp पर हमसे जुड़ें. इस लिंक पर क्लिक करेंडिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'