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Diwali 2023: दिवाली के दिन इन मंत्रों से करें धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा, दूर हो जाएंगे सभी दुख और संताप

Diwali 2023 समुद्र मंथन के समय मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई है। धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सुख समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो दिवाली के दिन इन मंत्रों से मां लक्ष्मी की पूजा करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 07 Nov 2023 03:19 PM (IST)
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Diwali 2023: दिवाली के दिन इन मंत्रों से करें धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा

धर्म डेस्क, नई दिल्ली | Diwali 2023: सनातन धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। यह पर्व हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर देव और रिद्धि-सिद्धि के दाता भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही लक्ष्मी पूजन तक व्रत-उपवास रखा जाता है। पूजा के पश्चात साधक भोजन ग्रहण करते हैं। शास्त्रों में निहित है कि समुद्र मंथन के समय मां लक्ष्मी की उत्पत्ति हुई है। धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। अगर आप भी मां लक्ष्मी का आशीर्वाद पाना चाहते हैं, तो दिवाली के दिन इन मंत्रों से मां लक्ष्मी की पूजा करें।

अर्घ्य पूजा मंत्र

क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते।

सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्यं नमो नमः॥

निवेदन पूजा मंत्र

सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता।

सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तामिदं ग्रस॥

प्रार्थना पूजा मंत्र

सर्वदेवमये देवि सर्वदेवैरलङ्कृते।

मातर्ममाभिलषितं सफलं कुरु नन्दिनि॥

2. मंत्र

ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि

तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥

3. अभ्यंग स्नान मंत्र

सीतालोष्टसमायुक्त सकण्टकदलान्वित।

हर पापमपामार्ग भ्राम्यमाणः पुनः पुनः॥

4. मंत्र

ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः।

मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ॐ ।।

ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

5. लक्ष्मी दिवाली मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः॥

6. बलि नमस्कार मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः॥

यानि तान्यक्षयाण्याहुर्मयैवं संप्रदर्शितम्॥

7. दिवाली मंत्र

गोवर्धन धराधार गोकुलत्राणकारक।

बहुबाहुकृतच्छाय गवां कोटिप्रदो भव॥

8.  लक्ष्मी नृसिंहाय मंत्र

ॐ ह्रीं क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी नृसिंहाय नमः ।

ॐ क्लीन क्ष्रौं श्रीं लक्ष्मी देव्यै नमः ।।

10. मार्गपालि मंत्र

मार्गपालि नमोस्तेऽस्तु सर्वलोकसुखप्रदे।

विधेयैः पुत्रदाराद्यैः पुनरोहि व्रतस्य मे॥

लक्ष्मी जी की आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता, तुमको निस दिन सेवत,

मैया जी को निस दिन सेवत, हर विष्णु विधाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

उमा रमा ब्रम्हाणी, तुम ही जग माता

ओ मैया तुम ही जग माता

सूर्य चन्द्र माँ ध्यावत, नारद ऋषि गाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पति दाता

ओ मैया सुख सम्पति दाता

जो कोई तुम को ध्यावत, ऋद्धि सिद्धि धन पाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता

ओ मैया तुम ही शुभ दाता

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की दाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

जिस घर तुम रहती तहँ सब सदगुण आता

ओ मैया सब सदगुण आता

सब सम्ब्नव हो जाता, मन नहीं घबराता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

तुम बिन यज्ञ न होता, वस्त्र न कोई पाता

ओ मैया वस्त्र ना पाटा

खान पान का वैभव, सब तुम से आता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

शुभ गुण मंदिर सुन्दर, क्षीरोदधि जाता

ओ मैया क्षीरोदधि जाता

रत्ना चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

धुप दीप फल मेवा, माँ स्वीकार करो

मैया माँ स्वीकार करो

ज्ञान प्रकाश करो माँ, मोहा अज्ञान हरो ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

महा लक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता

ओ मैया जो कोई गाता

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता ||

ॐ जय लक्ष्मी माता...

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