Diwali 2024: दीवाली पर पूजा के समय करें मां लक्ष्मी के नामों का मंत्र जप, आर्थिक तंगी होगी दूर
धार्मिक मत है कि धन की देवी मां लक्ष्मी (Diwali 2024) की पूजा करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। इसके लिए साधक हर शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करते हैं। वहीं दीवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी की विशेष उपासना करते हैं। सनातन शास्त्रों में वर्णित है कि कार्तिक महीने में धन की देवी मां लक्ष्मी अवतरित हुई हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 31 Oct 2024 07:48 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में दीवाली (Diwali 2024) का विशेष महत्व है। यह पर्व धन की देवी मां लक्ष्मी को समर्पित है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक के आय और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके साथ ही धन संबंधी परेशानी दूर हो जाती है। ज्योतिष भी पैसे की तंगी और घर की दरिद्रता दूर करने के लिए मां लक्ष्मी की पूजा करने की सलाह देते हैं। अगर आप भी मां लक्ष्मी की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो दीवाली के दिन विधि विधान से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय मां लक्ष्मी के नामों का मंत्र जप अवश्य करें।
मां लक्ष्मी के 108 नाम
- ॐ नित्यागतायै नमः
- ॐ अनन्तनित्यायै नमः
- ॐ नन्दिन्यै नमः
- ॐ जनरञ्जन्यै नमः
- ॐ नित्यप्रकाशिन्यै नमः
- ॐ स्वप्रकाशस्वरूपिण्यै नमः
- ॐ महालक्ष्म्यै नमः
- ॐ महाकाल्यै नमः
- ॐ महाकन्यायै नमः
- ॐ सरस्वत्यै नमः
- ॐ भोगवैभवसन्धात्र्यै नमः
- ॐ भक्तानुग्रहकारिण्यै नमः
- ॐ ईशावास्यायै नमः
- ॐ महामायायै नमः
- ॐ महादेव्यै नमः
- ॐ महेश्वर्यै नमः
- ॐ हृल्लेखायै नमः
- ॐ परमायै नमः
- ॐ शक्त्यै नमः
- ॐ मातृकाबीजरूपिण्यै नमः
- ॐ नित्यानन्दायै नमः
- ॐ नित्यबोधायै नमः
- ॐ नादिन्यै नमः
- ॐ जन्मोदिन्यै नमः
- ॐ सत्यप्रत्ययिन्यै नमः
- ॐ स्वप्रकाशात्मरूपिण्यै नमः
- ॐ त्रिपुरायै नमः
- ॐ भैरव्यै नमः
- ॐ विद्यायै नमः
- ॐ हंसायै नमः
- ॐ वागीश्वर्यै नमः
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ वाग्देव्यै नमः
- ॐ महारात्र्यै नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ त्रिलोचनायै नमः
- ॐ भद्रकाल्यै नमः
- ॐ कराल्यै नमः
- ॐ महाकाल्यै नमः
- ॐ तिलोत्तमायै नमः
- ॐ काल्यै नमः
- ॐ करालवक्त्रान्तायै नमः
- ॐ कामाक्ष्यै नमः
- ॐ कामदायै नमः
- ॐ शुभायै नमः
- ॐ चण्डिकायै नमः
- ॐ चण्डरुपेशायै नमः
- ॐ चामुण्डायै नमः
- ॐ चक्रधारिण्यै नमः
- ॐ त्रैलोक्यजनन्यै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ त्रैलोक्यविजयोत्तमायै नमः
- ॐ सिद्धलक्ष्म्यै नमः
- ॐ क्रियालक्ष्म्यै नमः
- ॐ मोक्षलक्ष्म्यै नमः
- ॐ प्रसादिन्यै नमः
- ॐ उमायै नमः
- ॐ भगवत्यै नमः
- ॐ दुर्गायै नमः
- ॐ चान्द्र्यै नमः
- ॐ दाक्षायण्यै नमः
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ प्रत्यङ्गिरायै नमः
- ॐ धरायै नमः
- ॐ वेलायै नमः
- ॐ लोकमात्रे नमः
- ॐ हरिप्रियायै नमः
- ॐ पार्वत्यै नमः
- ॐ परमायै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ ब्रह्मविद्याप्रदायिन्यै नमः
- ॐ अरूपायै नमः
- ॐ बहुरूपायै नमः
- ॐ विरूपायै नमः
- ॐ विश्वरूपिण्यै नमः
- ॐ पञ्चभूतात्मिकायै नमः
- ॐ वाण्यै नमः
- ॐ पञ्चभूतात्मिकायै नमः
- ॐ परायै नमः
- ॐ कालिम्नयै नमः
- ॐ पञ्चिकायै नमः
- ॐ वाग्म्यै नमः
- ॐ हविषे नमः
- ॐ प्रत्यधिदेवतायै नमः
- ॐ देवमात्रे नमः
- ॐ सुरेशानायै नमः
- ॐ वेदगर्भायै नमः
- ॐ अम्बिकायै नमः
- ॐ धृतये नमः
- ॐ सङ्ख्यायै नमः
- ॐ जातये नमः
- ॐ क्रियाशक्त्यै नमः
- ॐ प्रकृत्यै नमः
- ॐ मोहिन्यै नमः
- ॐ मह्यै नमः
- ॐ यज्ञविद्यायै नमः
- ॐ महाविद्यायै नमः
- ॐ गुह्यविद्यायै नमः
- ॐ विभावर्यै नमः
- ॐ ज्योतिष्मत्यै नमः
- ॐ महामात्रे नमः
- ॐ सर्वमन्त्रफलप्रदायै नमः
- ॐ दारिद्र्यध्वंसिन्यै नमः
- ॐ देव्यै नमः
- ॐ हृदयग्रन्थिभेदिन्यै नमः
- ॐ सहस्रादित्यसङ्काशायै नमः
- ॐ चन्द्रिकायै नमः
- ॐ चन्द्ररूपिण्यै नमः
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