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Diwali 2024: दीवाली पूजन में जरूर करें ये आरती, घर में होगा मां लक्ष्मी का आगमन

दीवाली की शाम खासतौर से मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार दीवाली पर मां लक्ष्मी का साधक के घर में आगमन होता है। ऐसे में आप पूजन के दौरान मां लक्ष्मी को उनकी प्रिय चीजें जैसे कमल का फूल शंख मिश्री और नारियल आदि अर्पित कर उनकी विशेष कृपा के पात्र बन सकते हैं।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 31 Oct 2024 07:02 PM (IST)
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Diwali 2024: दीवाली पूजन में करें मां लक्ष्मी की आरती।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। इस साल दीपावली (Diwali 2024) का पर्व आज यानी 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। यह दिन मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति के लिए बहुत ही खास माना गया है। ऐसे में दीवाली पूजन का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए मां लक्ष्मी की आरती का पाठ भी जरूर करना चाहिए। तो चलिए पढ़ते हैं मां लक्ष्मी की आरती।

मां लक्ष्मी की आरती (Lakshmi ji ki Aarti)

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।

तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दीवाली के विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही यह कामना की जाती है कि मां साधक पर अपनी दया दृष्टि बनाएं रखेंगी। ऐसा माना जाता है कि दीवाली के खास पर्व का माता लक्ष्मी का घर में आगमन होता है। यही कारण है कि दीवाली पूजन के दौरान मुख्य द्वार खुला रखा जाता है।

तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।

सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

(Picture Credit: Freepik)

कोई भी पूजा, आरती के बिना अधूरी मानी जाती है। ऐसे में दीवाली की शाम मां लक्ष्मी की पूजा के दौरान पूरे परिवार के साथ मिलकर आरती का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ताकि आपको मां लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त हो सके।

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शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥

ओम जय लक्ष्मी माता॥

दीवाली पर मां लक्ष्मी के साथ-साथ गणेश जी का पूजन भी जरूरी माना जाता है। ताकि धन के साथ-साथ साधक को सद्बुद्धि की भी प्राप्ति हो सके और साधक अंहकार से दूर रहे। इस दिन कलम के फूल, अक्षत, रोली, कुमकुम, गंगाजल, पंचामृत और पान के पत्तों आदि द्वारा लक्ष्मी जी का पूजन करना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।