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Mangla Gauri 2023 Vrat Katha: मंगला गौरी व्रत पर करें इस कथा का पाठ, प्राप्त होगा शिव-पार्वती का आशीर्वाद

Mangla Gauri 2023 Vrat Katha इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं अविवाहित युवतियों को मनपसंद वर मिलता है। मंगला गौरी व्रत करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। अगर आप भी मनोवांछित फल पाना चाहते हैं तो मंगला गौरी व्रत के दिन विधि-विधान से महादेव संग माता पार्वती की पूजा-उपासना करें।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Tue, 25 Jul 2023 10:38 AM (IST)
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Mangla Gauri 2023 Vrat Katha: मंगला गौरी व्रत पर करें इस कथा का पाठ, प्राप्त होगा शिव-पार्वती का आशीर्वाद

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Mangla Gauri Vrat 2023: सावन महीने के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन विवाहित और अविवाहित स्त्रियां मंगला गौरी व्रत रख देवों के देव महादेव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करती हैं। इस व्रत के पुण्य प्रताप से विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित युवतियों को मनपसंद वर मिलता है। मंगला गौरी व्रत करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। अगर आप भी मनोवांछित फल पाना चाहते हैं, तो मंगला गौरी व्रत के दिन विधि-विधान से महादेव संग माता पार्वती की पूजा-उपासना करें। साथ ही पूजा के समय मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ अवश्य करें। आइए, मंगला गौरी व्रत का पाठ करें-

मंगला गौरी व्रत कथा

प्राचीन समय में धर्मपाल नामक एक सेठ रहता था। सेठ धर्मपाल के पास धन संपत्ति की कोई कमी नहीं थी। वह स्वयं सर्व गुण संपन्न था। देवों के देव महादेव का भक्त था। कालांतर में सेठ धर्मपाल की शादी गुणवान वधू से हुई। हालांकि, विवाह के बाद कई वर्षों तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई। इससे सेठ चिंतित रहने लगा। वह सोचने लगा कि अगर संतान नहीं हुई, तो उसके कारोबार का कौन उत्तराधिकारी होगा? एक दिन सेठ धर्मपाल की पत्नी ने संतान के संबंध में किसी प्रकांड पंडित से संपर्क करने की सलाह दी।

पत्नी के वचनानुसार, सेठ नगर के सबसे प्रसिद्ध पंडित के पास जाकर मिले। उस समय गुरु ने सेठ दंपत्ति को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-उपासना करने की सलाह दी। कालांतर में सेठ धर्मपाल की पत्नी ने विधि विधान से महादेव और माता पार्वती की पूजा-उपासना की। सेठ धर्मपाल की पत्नी की कठिन भक्ति से प्रसन्न होकर एक दिन माता पार्वती प्रकट होकर बोली- हे देवी! तुम्हारी भक्ति से मैं अति प्रसन्न हूं, जो वर मांगना चाहते हो! मांगो। तुम्हारी हर मनोकामना अवश्य पूरी होगी। उस समय सेठ धर्मपाल की पत्नी ने संतान प्राप्ति की कामना की। माता पार्वती ने संतान प्राप्ति का वरदान दिया। हालांकि, संतान अल्पायु था।

एक वर्ष पश्चात, धर्मपाल की पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया। जब पुत्र का नामकरण किया गया, तो उस समय धर्मपाल ने माता पार्वती के वचन से ज्योतिष को अवगत कराया। तब ज्योतिष ने सेठ धर्मपाल को पुत्र की शादी मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से करने की सलाह दी। ज्योतिष के वचनानुसार, सेठ धर्मपाल ने अपने पुत्र की शादी मंगला गौरी व्रत करने वाली कन्या से की। कन्या के पुण्य प्रताप से धर्मपाल का पुत्र मृत्यु पाश से मुक्त हो गया।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।