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Durga Saptashati: कर रहे हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ तो इन बातों का रखें खास ख्याल

Durga Saptashati माघ माह की गुप्त नवरात्रि चल रही है। इस दौरान मां भगवती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर नवरात्रि के पूरे 9 दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

By Shilpa SrivastavaEdited By: Updated: Sun, 14 Feb 2021 09:09 AM (IST)
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Durga Saptashati: कर रहे हैं दुर्गा सप्तशती का पाठ तो इन बातों का रखें खास ख्याल

Durga Saptashati: माघ माह की गुप्त नवरात्रि चल रही है। इस दौरान मां भगवती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि अगर नवरात्रि के पूरे 9 दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाए तो व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है। नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बेहद ही विशेष महत्व रखता है। इस दौरान पूजा करते समय दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करना चाहिए। अगर आप भी दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे हैं तो आपको कुछ बातों का ख्याल अवश्य रखना होगा जिनकी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं।

दुर्गा सप्तशती का पाठ करते समय इन पर रखें खास ख्याल:

1. दुर्गा सप्‍तशती पाठ में मौजूद श्लोकों का उच्चारण एकदम सही होना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की त्रुटि की संभावना नहीं है। शब्द एकदम स्पष्ट होने चाहिए। आप चाहें तो इसका पाठ मन में भी कर सकते हो।

2. दुर्गा सप्तशती का पाठ शुद्ध होकर ही किया जाता है। ऐसे में ध्यान रहे कि आप जहां बैठे हों वो जगह साफ होनी चाहिए। साथ ही पाठ के दौरान पैरों को हाथ न लगाएं।

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3. पाठ करते समय कुश के आसन पर ही बैठें। जमीन पर बैठकर पूजा न करें। आप कंबल या ऊनी चादर बिछाकर भी पूजा कर सकते हैं।

4. जब आप दुर्गा सप्तशती का पाठ कर रहे हों तो ध्यान रहे कि आपको बिना सिले हुए कपड़े पहनने चाहिए। महिलाएं साड़ी और पुरुष धोती पहनकर इस दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।

5. जब भी आप पाठ करने के लिए बैठें तो उससे पहले ही घर के सभी कार्य निपटा लें। इससे मन में किसी काम के अधूरे रहने की चिंता नहीं रहती है।

6. जब भी आप दुर्गा सप्‍तशती का पाठ करें तो कम से कम एक चरित्र का पाठ जरूर करें। अगर आप चाहें तो तीनों चरित्र का पाठ एक साथ कर सकते हैं यह उत्तम होता है। दुर्गा सप्तशती में 3 चरित्र यानी 3 खंड होते हैं जिनमें प्रथम चरित्र, मध्‍य चरित्र, और उत्तम चरित्र शामिल हैं। प्रथम चरित्र में पहला अध्याय आता है। मध्यम चरित्र में दूसरे से चौथा अध्याय और उत्तम चरित्र में 5वें से लेकर 13वां अध्याय आता है।

7. दुर्गा सप्तशती से पहले कवच, कीलक और अर्गलास्तोत्र, नवार्ण मंत्र, और देवी सूक्त का पाठ करना चाहिए। अगर किसी दिन समय नहीं है तो आप कुंजिकास्तोत्र का पाठ कर सकते हैं।

8. दुर्गा सप्तशती का पाठ पूरा होने के बाद क्षमा पाठ जरूर करें। इससे गलती से जो भूल हो गई होगी वह क्षमा हो जाएगी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी। '