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Dussehra 2024: दशहरा के दिन पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, जीवन के सभी संकट होंगे दूर

हर वर्ष आश्विन महीने में दशहरा (Dussehra 2024) मनाया जाता है। यह पर्व देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। इस वर्ष रवि और सर्वार्थ सिद्धि योग में दशहरा मनाया जाएगा। रवि योग में भगवान श्रीराम की पूजा करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा करियर और कारोबार में भी सफलता मिलती है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sat, 12 Oct 2024 09:56 AM (IST)
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Dussehra 2024: विजयादशमी और दशहरा का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज यानी 12 अक्टूबर को दशहरा है। यह पर्व हर वर्ष आश्विन महीने में शारदीय नवरात्र की महानवमी के अगले दिन मनाया जाता है। इस शुभ तिथि पर पूजा, जप-तप और दान-पुण्य किया जाता है। वहीं, सार्वजनिक जगहों पर रावण दहन का भी आयोजन किया जाता है। इस वर्ष दशहरा के दिन भगवान श्रीराम की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त दोपहर 01 बजे से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय में भगवान श्रीराम की पूजा कर सकते हैं। भगवान श्रीराम की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। अगर आप भी आर्थिक तंगी समेत सभी समस्याओं से मुक्ति पाना चाहते हैं, तो दशहरा के दिन भक्ति भाव से श्रीराम की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय भगवान श्रीराम के नामों का मंत्र जप करें।

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भगवान श्रीराम के 108 नाम

1. ॐ परस्मै ब्रह्मने नम:

2. ॐ सर्वदेवात्मकाय नमः

3. ॐ परमात्मने नम:

4. ॐ सर्वावगुनवर्जिताया नम:

5. ॐ विभिषनप्रतिश्थात्रे नम:

6. ॐ जरामरनवर्जिताया नम:

7. ॐ यज्वने नम:

8. ॐ सर्वयज्ञाधिपाया नम:

9. ॐ धनुर्धराया नम:

10. ॐ पितवाससे नम:

11. ॐ शुउराया नम:

12. ॐ सुंदराया नम:

13. ॐ हरये नम:

14. ॐ सर्वतिइर्थमयाया नम:

15. ॐ जितवाराशये नम:

16. ॐ राम सेतुक्रूते नम:

17. ॐ महादेवादिपुउजिताया नम:

18. ॐ मायामानुश्हा चरित्राया नम:

19. ॐ धिइरोत्तगुनोत्तमाया नम:

20. ॐ अनंतगुना गम्भिइराया न

21. ॐ राघवाया नम:

22. ॐ पुउर्वभाश्हिने नम:

23. ॐ मितभाश्हिने नम:

24. ॐ स्मितवक्त्राया नम:

25. ॐ पुरान पुरुशोत्तमाया नम:

26. ॐ अयासाराया नम:

27. ॐ पुंयोदयाया नम:

28. ॐ महापुरुष्हाय नम:

29. ॐ परमपुरुष्हाय नम:

30. ॐ आदिपुरुष्हाय नम:

31. ॐ स्म्रैता सर्वाघा नाशनाया नम:

32. ॐ सर्वपुंयाधिका फलाया नम:

33. ॐ सुग्रिइवेप्सिता राज्यदाया नम:

34. ॐ सर्वदेवात्मकाया परस्मै नम:

35. ॐ पाराया नम:

36. ॐ पारगाया नम:

37. ॐ परेशाया नम:

38. ॐ परात्पराया नम:

39. ॐ पराकाशाया नम:

40. ॐ परस्मै धाम्ने नम:

41. ॐ परस्मै ज्योतिश्हे नम:

42.ॐ सच्चिदानंद विग्रिहाया नम:

43. ॐ महोदराया नम:

44. ॐ महा योगिने नम:

45. ॐ मुनिसंसुतसंस्तुतया नम:

46. ॐ ब्रह्मंयाया नम:

47. ॐ सौम्याय नम:

48. ॐ सर्वदेवस्तुताय नम:

49. ॐ महाभुजाय नम:

50. ॐ महादेवाय नम:

51. ॐ राम मायामारिइचहंत्रे नम:

52. ॐ राम मृतवानर्जीवनया नम:

53. ॐ सर्वदेवादि देवाय नम:

54. ॐ सुमित्रापुत्र सेविताया नम:

55. ॐ राम जयंतत्रनवरदया नम:

56. ॐ चित्रकुउता समाश्रयाया नम:

57. ॐ राम राक्षवानरा संगथिने नम:

58. ॐ राम जगद्गुरवे नम:

59. ॐ राम जितामित्राय नम:

60. ॐ राम जितक्रोधाय नम:

61. ॐ राम जितेंद्रियाया नम:

62. ॐ वरप्रदाय नम:

63. ॐ पित्रै भक्ताया नम:

64. ॐ अहल्या शाप शमनाय नम:

65. ॐ दंदकारंय पुण्यक्रिते नम:

66. ॐ धंविने नम:

67. ॐ त्रिलोकरक्षकाया नम:

68. ॐ पुंयचारित्रकिइर्तनाया नमः

69. ॐ त्रिलोकात्मने नमः

70. ॐ त्रिविक्रमाय नमः

71. ॐ वेदांतसाराय नमः

72. ॐ तातकांतकाय नमः

73. ॐ जामद्ग्ंया महादर्पदालनाय नमः

74. ॐ दशग्रिइवा शिरोहराया नमः

75. ॐ सप्तताला प्रभेत्त्रे नमः

76. ॐ हरकोदांद खान्दनाय नमः

77. ॐ विभीषना परित्रात्रे नमः

78. ॐ विराधवाधपन दिताया नमः

79. ॐ खरध्वा.सिने नमः

80. ॐ कौसलेयाय नमः

81. ॐ सदाहनुमदाश्रिताय नमः

82. ॐ व्रतधाराय नमः

83. ॐ सत्यव्रताय नमः

84. ॐ सत्यविक्रमाय नमः

85. ॐ सत्यवाचे नमः

86. ॐ वाग्मिने नमः

87. ॐ वालिप्रमाथानाया नमः

88. ॐ शरणात्राण तत्पराया नमः

89. ॐ दांताय नमः

90. ॐ विश्वमित्रप्रियाय नमः

91. ॐ जनार्दनाय नमः

92. ॐ जितामित्राय नमः

93. ॐ जैत्राय नमः

94. ॐ जानकिइवल्लभाय नमः

95. ॐ रघुपुंगवाय नमः

96. ॐ त्रिगुनात्मकाया नमः

97. ॐ त्रिमुर्तये नमः

98. ॐ दुउश्हना त्रिशिरो हंत्रे नमः

99. ॐ भवरोगस्या भेश्हजाया नमः

100. ॐ वेदात्मने नमः

101. ॐ राजीवलोचनाय नमः

102. ॐ राम शाश्वताया नमः

103 ॐ राम चंद्राय नमः

104. ॐ राम भद्राया नमः

105. ॐ राम रामाय नमः

106. ॐ सर्वदेवस्तुत नमः

107. ॐ महाभाग नमः

108. ॐ मायामारीचहन्ता नमः

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