Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी पर इन मंत्रों का करें जाप, प्राप्त होगी गणेश जी की कृपा
हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार 28 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान को सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है।
By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Sun, 25 Feb 2024 02:00 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2024: दैनिक पंचांग के अनुसार, हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार 28 फरवरी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा और व्रत करने से इंसान को सभी प्रकार के दुख और संकट से छुटकारा मिलता है। साथ ही सभी कार्यों में सफलता हासिल होती है। यदि आप भी भगवान शिव के पुत्र गणपति बप्पा की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं, तो द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान इन चमत्कारी मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इन मंत्रों का जाप करना आपके जीवन के लिए बेहद फलदायी होगा।
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2024 शुभ मुहूर्त
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 28 फरवरी को रात 01 बजकर 53 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 29 फरवरी को सुबह 04 बजकर 18 मिनट पर तिथि समाप्त होगी। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी, बुधवार के दिन किया जाएगा।यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2024: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर इस स्तोत्र का करें पाठ, कर्ज में मिलेगी मुक्ति
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥शुभ लाभ गणेश मंत्रॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नम:।।सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्रश्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा ॥
धन लाभ हेतु मंत्रॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।
गणेश मंत्रऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥संकट नाशक मंत्रगणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।नौकरी प्राप्ति हेतु मंत्रॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।यह भी पढ़ें: Sankashti Chaturthi 2024: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर ऐसे करें पूजा, गणपति बप्पा की कृपा बनी रहेगी सदैव
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